ध्यान कार्यशाला का आयोजन: भारतीय योग परिषद् एवं वैदिक मित्र न्यास द्वारा कार्यक्रम आयोजित

भारतीय योग परिषद् एवं वैदिक मित्र न्यास के संयुक्त तत्वाधान में लखनऊ में आयोजित ध्यान कार्यशाला में ध्यान और योग के लाभों पर चर्चा की गई और इसे जीवनशैली में शामिल करने की प्रेरणा दी गई।

दिसंबर 21, 2024 - 21:59
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ध्यान कार्यशाला का आयोजन: भारतीय योग परिषद् एवं वैदिक मित्र न्यास द्वारा कार्यक्रम आयोजित
ध्यान कार्यशाला का आयोजन: भारतीय योग परिषद् एवं वैदिक मित्र न्यास द्वारा कार्यक्रम आयोजित

लखनऊ : भारतीय योग परिषद् एवं वैदिक मित्र न्यास के संयुक्त तत्वाधान में एक विशेष ध्यान कार्यशाला का आयोजन जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय युवा केन्द्र, लखनऊ में किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती जी पर पुष्प अर्पित करके और सरस्वती वंदना से हुआ। वैदिक मित्र न्यास के अध्यक्ष सत्येन्द्र कुमार गुप्त ने मंच पर पधारे सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए ध्यान के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि ध्यान से जीवन में संतुलन और मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है।

कार्यक्रम में अतिथि डाॅ सी.पी. शर्मा ने ध्यान के लाभों पर चर्चा की और इसके माध्यम से मानसिक स्पष्टता और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार की बात की। रामपाल शर्मा जी, जो कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि थे, ने योग के फायदों पर अपने विचार साझा किए और बताया कि नियमित योगाभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में जबरदस्त सुधार होता है। डाॅ शिल्पी ने ध्यान के प्रभावों पर विस्तार से बताया और इसके मानसिक तनाव को कम करने की क्षमता पर जोर दिया।

श्री कुणाल वर्मा, फिटनेस सेंटर के प्रबंधक ने फिजियोथेरेपी के विषय में जानकारी दी और बताया कि फिजियोथेरेपी के साथ योगाभ्यास से शरीर की हर समस्या का समाधान संभव है। नीलू पाण्डेय, सुश्री नीलू पाण्डेय, योगिता मिश्रा, और नीलम मिश्रा ने भी ध्यान के लाभों और इसके दैनिक जीवन में महत्व पर अपने विचार साझा किए।

इस कार्यक्रम में कई सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया, जिनमें नीरज शर्मा (श्री गणेश प्रसाद स्मारक सेवा संस्थान), अमित त्रिपाठी (एच0जी0 फाउंडेशन), नकुल सक्सेना (सचेत फाउंडेशन), मोनी सिंह (युवाजनशक्ति संगठन) और अन्य अनेक लोग शामिल थे। इन सभी ने ध्यान के महत्व को उजागर करते हुए इसे जीवन की दिनचर्या में अपनाने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम के समापन पर भारतीय योग परिषद के निदेशक सर्वेश कुमार सोनी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि ध्यान और योग साधना को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर हम मानसिक और शारीरिक रूप से बेहतर बन सकते हैं।

यह कार्यशाला सभी प्रतिभागियों के लिए एक ज्ञानवर्धक अनुभव साबित हुई, और इसमें योग और ध्यान के महत्व को समझने का एक बेहतरीन अवसर मिला।

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