केजीएमयू में मनाया गया विश्व अण्डाशय कैंसर दिवस
शुभम कश्यप लखनऊ। प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ,केजीएमयू की जननांग कैंसर नियंत्रण इकाई ने बुधवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया।जिसमे अण्डाशय के कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाई और विभाग में इलाज किए गए अण्डाशय कैंसर से बचे लोगों को सम्मानित किया गया। विश्व अण्डाशय कैंसर गठबंधन द्वारा बुधवार को विश्व अण्डाशय कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका विषय है "कोई महिला पीछे न छूटे"।

डा निशा ने बताया ओवेरियन कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जो भारत में महिलाओं में होने वाला तीसरा सबसे आम कैंसर है। यह बाद के चरणों में खराब जीवित रहने की दर के साथ प्रस्तुत होने के लिए कुख्यात है। इस अवसर पर केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। जीसीसीयू की प्रभारी प्रोफेसर निशा सिंह ने अण्डाशय के कैंसर के बारे में एक जागरूकता वार्ता प्रस्तुत की, जिसमें लक्षणों के महत्व पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा जो बीमारी का शीघ्र पता लगाने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने उस विशाल कार्य को भी प्रस्तुत किया जो जननांग कैंसर नियंत्रण इकाई अण्डाशय के कैंसर के रोगियों की जांच, निदान और उपचार के लिए कर रही है।
पांच साल तक अण्डाशय के कैंसर से बचे लोगों को मुख्य अतिथि ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया। उन्होंने कैंसर की पहचान से लेकर इलाज पूरा होने तक के अपने अनुभव साझा किये। मरीज़ों ने अपने व्यक्तिगत संघर्षों को साझा किया और बताया कि कैसे उनकी उपचार यात्रा के दौरान उनकी मदद की गई और मार्गदर्शन किया गया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों की जीसीसीयू टीम को धन्यवाद दिया।
प्रोफेसर नित्यानंद ने डिम्बग्रंथि के कैंसर का शीघ्र पता लगाने के लिए नए ट्यूमर मार्कर खोजने में और शोध की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। पूरे कार्यक्रम में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग संकाय, रेसिडेंट डाक्टर, नर्सों और कर्मचारियों ने अच्छी उपस्थिति दर्ज की।
इस दौरान कार्यक्रम इस प्रतिज्ञा के साथ समाप्त हुआ कि हम अण्डाशय के कैंसर के खिलाफ लड़ाई में किसी भी महिला को पीछे नहीं छोड़ने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
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