वक्फ संशोधन विधेयक को मिला समर्थन, डॉ. हैदर अब्बास ने बताया गरीबों का हितैषी कानून

डॉ. हैदर अब्बास ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को गरीबों के हित में बताया, बताया क्यों हो रहा कुप्रचार

अप्रैल 18, 2025 - 21:19
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वक्फ संशोधन विधेयक को मिला समर्थन, डॉ. हैदर अब्बास ने बताया गरीबों का हितैषी कानून
वक्फ संशोधन विधेयक को मिला समर्थन, डॉ. हैदर अब्बास ने बताया गरीबों का हितैषी कानून

(संजय शुक्ला)

कानपुर। वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी प्रबंधन और गरीबों को उनका हक दिलाने के उद्देश्य से प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर देश भर में चर्चा का माहौल है। इसी सिलसिले में ऑल इंडिया सिया मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य डॉ. हैदर अब्बास चाद ने कानपुर के गुमटी नंबर 5 स्थित साझा हॉल में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान इस विधेयक का पूर्ण समर्थन किया।

डॉ. अब्बास ने कहा कि यह विधेयक समाज के गरीबों और वंचितों के लिए एक सकारात्मक कदम है, जिसे केंद्र सरकार ने न्यायोचित ढंग से तैयार किया है। उन्होंने कहा, "हम वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग नहीं होने देना चाहते। जो गरीबों, मजलूमों और जरूरतमंदों के लिए बनी थीं, उन्हें उन्हीं के हित में इस्तेमाल होना चाहिए।"

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ मौलवी और मजहबी नेताओं द्वारा शरीफ मुसलमानों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है। ये लोग वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ झूठा प्रचार कर रहे हैं और लोगों को भड़का रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि यह कानून न केवल पारदर्शिता लाएगा, बल्कि समाज के पिछड़े तबके को सशक्त भी बनाएगा।

डॉ. हैदर अब्बास ने तीन तलाक कानून का भी उदाहरण देते हुए कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम बहनों के अधिकारों की रक्षा के लिए यह बड़ा फैसला लिया था, जिससे लाखों महिलाओं को राहत मिली। अब वक्फ संशोधन कानून के जरिए मुस्लिम समाज को और मजबूती दी जा रही है।"

इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष सरदार अजीत सिंह छाबड़ा, क्षेत्रीय महामंत्री मो. जावेद, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष रमिंदर सिंह, जावेद हुसैन, शाहबाज हुसैन, प्रदीप भाटिया, हरमीत सिंह और जसवीर सिंह जैसे कई नेता मौजूद रहे।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने सामूहिक रूप से इस बात पर जोर दिया कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और पारदर्शिता के आधार पर होना चाहिए।

डॉ. अब्बास ने अंत में मुसलमानों से अपील की कि वे अफवाहों से बचें और इस कानून की वास्तविक मंशा को समझें। उन्होंने कहा, "हमें मिलकर इस बदलाव का स्वागत करना चाहिए ताकि समाज का कमजोर तबका मुख्यधारा में आ सके।"

यह कार्यक्रम समाज के सभी वर्गों में सकारात्मक संदेश देने में सफल रहा और वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर चल रही भ्रांतियों पर स्पष्टता लाने का प्रयास माना जा रहा है।

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