महाकुंभ 2025: 72 घंटे से थमा प्रयागराज, ऐतिहासिक जाम में फंसे लाखों श्रद्धालु

महाकुंभ 2025 में प्रयागराज से एमपी बॉर्डर तक ऐतिहासिक जाम, 72 घंटे से फंसे श्रद्धालु, प्रशासन की अपील भी बेअसर।

फ़रवरी 11, 2025 - 11:37
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महाकुंभ 2025: 72 घंटे से थमा प्रयागराज, ऐतिहासिक जाम में फंसे लाखों श्रद्धालु
महाकुंभ 2025: 72 घंटे से थमा प्रयागराज, ऐतिहासिक जाम में फंसे लाखों श्रद्धालु

(जैनुल आब्दीन)

प्रयागराज। दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन #महाकुंभ2025 अब ऐतिहासिक जाम की नई मिसाल बन गया है। प्रयागराज में उमड़ी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ ने ट्रैफिक व्यवस्था को पूरी तरह ठप कर दिया है। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि पिछले 72 घंटे से हाईवे और मुख्य मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें रेंग रही हैं। यह जाम प्रयागराज से मध्य प्रदेश के सतना और कटनी बॉर्डर तक 300 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है।

हर तरफ जाम, कोई रास्ता नहीं
महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने से प्रयागराज की सड़कें पूरी तरह अवरुद्ध हो गई हैं। दिल्ली, कानपुर, वाराणसी और मध्य प्रदेश की तरफ से आने वाली सभी सड़कें भीषण ट्रैफिक जाम की चपेट में हैं। हालत यह है कि 2 किलोमीटर की दूरी तय करने में 10 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है।

लोग अपने वाहनों में फंसे हुए हैं, भोजन-पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है और जरूरी सेवाएं जैसे स्कूल, अस्पताल और बाजारों तक पहुंचना भी मुश्किल हो चुका है।

मध्य प्रदेश सरकार की अपील, फिर भी हालात बेकाबू
भीषण जाम को देखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने श्रद्धालुओं से सोशल मीडिया के माध्यम से एक खास अपील की। उन्होंने लिखा—

"महाकुंभ में शामिल होने जा रहे श्रद्धालु चाकघाट, रीवा, जबलपुर, कटनी और शिवनी जिलों के मार्गों पर भीषण जाम में फंसे हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे हैं। प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि वे बुनियादी सुविधाएं जैसे भोजन, पानी और शौचालय की उचित व्यवस्था करें।"

हालांकि, इस अपील के बावजूद जाम की स्थिति जस की तस बनी हुई है और लोग अब वापस लौटने का मन बना रहे हैं।

प्रशासनिक तैयारियां नाकाफी, बढ़ी अव्यवस्था
महाकुंभ 2025 के लिए प्रशासन ने पहले ही कई योजनाएं बनाई थीं, लेकिन जब असल परीक्षा की घड़ी आई, तो सभी तैयारियां धरी रह गईं।

यातायात नियंत्रण के लिए वैकल्पिक मार्ग तय किए गए थे, लेकिन भीड़ की अधिकता के कारण वे भी फेल हो गए।
हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात होने के बावजूद व्यवस्था चरमरा गई।
अस्थायी पार्किंग स्थल जाम की स्थिति को संभालने में असफल रहे।

श्रद्धालु बेहाल, वापस लौटने को मजबूर
महाकुंभ में स्नान के लिए उमड़े लाखों श्रद्धालुओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रयागराज तक पहुंचना ही बन गया है। जाम के कारण बहुत से लोग अब संगम नगरी की यात्रा रद्द कर वापस लौटने पर मजबूर हैं।

जिन्होंने पहले ही गंगा स्नान कर लिया है, वे भी अब समय से लौट नहीं पा रहे हैं। सड़कें पूरी तरह से जाम में डूबी हुई हैं, जिससे बसें, कारें, ट्रक और अन्य वाहन रेंगने को मजबूर हैं।

समाधान क्या हो सकता है?
महाकुंभ के दौरान बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को जल्द से जल्द कुछ प्रभावी कदम उठाने होंगे—

हाईवे पर इमरजेंसी लेन को सख्ती से लागू किया जाए।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्राथमिकता दी जाए, निजी वाहनों की एंट्री सीमित की जाए।
भीड़ को संभालने के लिए ट्रैफिक पुलिस और स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाई जाए।
श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त अस्थायी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।

महाकुंभ 2025, जो आध्यात्मिक आस्था और धार्मिक आह्वान का सबसे बड़ा मंच है, इस बार बेहद असुविधाजनक यातायात जाम के कारण श्रद्धालुओं की कठिन परीक्षा बन गया है। प्रशासन की लापरवाही और भीड़ की भारी संख्या ने मिलकर इसे अब तक के सबसे बड़े यातायात संकटों में से एक बना दिया है।

अब देखना यह है कि प्रशासन जल्द कोई समाधान निकाल पाता है या श्रद्धालु इसी मुश्किल हालात में अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

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