प्रोन्नत वेतनमान में बड़ा घोटाला: अंबेडकरनगर के 116 शिक्षकों पर जांच शुरू, शासन सख्त
अंबेडकरनगर के 116 शिक्षकों को नियमविरुद्ध प्रोन्नत वेतनमान, करोड़ों का नुकसान, शासन ने जांच सौंपी

नियमत: 12 साल बाद मिलनी थी प्रोन्नति
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 22 मार्च 2016 को विनियमित किए गए शिक्षकों को 12 वर्षों की संतोषजनक सेवा के बाद ही प्रोन्नत वेतनमान दिया जाना चाहिए था, लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से कुछ शिक्षकों को 2017-18 में ही प्रोन्नति दे दी गई।
शासन को मिली शिकायत, जांच टीम सक्रिय
मामले की गंभीरता को देखते हुए मई 2024 में शासन को शिकायत भेजी गई थी, जिसमें बताया गया कि इन शिक्षकों को वास्तविक देय से अधिक वेतन का भुगतान किया गया, जिससे हर वर्ष लगभग 1.20 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय हो रहा है।
अब शासन ने वित्त नियंत्रक, माध्यमिक शिक्षा प्रयागराज को मामले की जांच सौंपी है।
नामित पर्यवेक्षक मदनलाल के नेतृत्व में जांच टीम ने संबंधित शिक्षकों की नियुक्ति, विनियमन, चयन वेतनमान और प्रोन्नति से संबंधित दस्तावेजों को कब्जे में लेकर जांच तेज कर दी है।
विभागीय अधिकारियों पर संदेह की सुई
सूत्रों की मानें तो तत्कालीन लेखा अधिकारियों और शिक्षकों के बीच मिलीभगत से दस्तावेजों में हेरफेर कर प्रोन्नति का लाभ गलत तरीके से दिलाया गया। माध्यमिक शिक्षा लेखा विभाग की कार्यशैली भी अब संदेह के घेरे में है।
संभावित कार्रवाई जल्द
शासन के निर्देश पर की जा रही जांच के आधार पर दोषी पाए जाने वालों पर वित्तीय अनियमितता के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई संभव है।
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