सूर्य उपासना का अनूठा लोकपर्व है छठ पूजा: आचार्य हिमांशु शुक्ल
आचार्य हिमांशु शुक्ल ने छठ पूजा के महत्व पर चर्चा की, सूर्य उपासना और पौराणिक कथाओं की जानकारी दी
आचार्य हिमांशु शुक्ल ने इस पवित्र पर्व से जुड़ी पौराणिक कथाओं को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि महाभारत, विष्णु पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण जैसे धर्म ग्रंथों में छठ पूजा से संबंधित कई कथाएं वर्णित हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब कुष्ट रोग से पीड़ित थे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें सूर्य उपासना की सलाह दी। साम्ब ने सच्चे मन से सूर्य देव की पूजा की और उसी पूजा के फलस्वरूप उन्हें कुष्ट रोग से मुक्ति मिली।
आचार्य शुक्ल ने आगे कहा कि एक और कथा के अनुसार महाभारत काल में कर्ण ने सूर्य देव की पूजा की थी। कर्ण प्रतिदिन घंटों तक पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देता था और यही कारण था कि वह महान योद्धा बना। आज भी छठ पूजा के दौरान सूर्य देव को अर्घ्य दान की कर्ण प्रणीत पद्धति प्रचलित है।
आचार्य हिमांशु शुक्ल के अनुसार, छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह एक जीवन दृष्टिकोण है जो सूर्य देव से जुड़ी अनगिनत कथाओं, आदर्शों और बलिदानों का प्रतीक है। इस पर्व के माध्यम से लोग न केवल सूर्य देव की पूजा करते हैं, बल्कि अपनी जीवन की सभी बाधाओं को पार कर उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं।
What's Your Reaction?