महाकुंभ में पूज्य श्री श्री रविशंकर जी का परमार्थ निकेतन शिविर आगमन
महाकुंभ में पूज्य श्री श्री रविशंकर जी का परमार्थ निकेतन शिविर आगमन, जहां भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और त्रिवेणी संगम पर विशेष चर्चा हुई।
जैनुल आब्दीन
महाकुंभ नगर। पूज्य श्री श्री रविशंकर जी का आगमन परमार्थ निकेतन शिविर में हुआ, जहां उन्होंने स्वामी चिदानंद सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के साथ विशेष भेंटवार्ता की। इस दौरान भारतीय संस्कृति, सनातन परंपरा, पर्यावरण संरक्षण, त्रिवेणी संगम और परमार्थ त्रिवेणी पुष्प के महत्व पर विस्तृत चर्चा हुई।
परमार्थ त्रिवेणी पुष्प का दिव्य दर्शन
परमार्थ त्रिवेणी पुष्प में पूज्य श्री श्री रविशंकर जी के स्वागत के लिए पूज्य संतों ने इलायची की माला अर्पित कर अभिनंदन किया। पूज्य साध्वी भगवती सरस्वती जी ने उन्हें पूरे परिसर का दर्शन कराया, वहीं स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने परमार्थ त्रिवेणी पुष्प में स्थित दिव्य कृतियों का परिचय दिया, जिसमें शामिल हैं—
✔ आदि गुरु शंकराचार्य जी द्वारा स्थापित चारों धामों की प्रतिकृतियां
✔ अयोध्या के श्रीराम मंदिर, भारत माता मंदिर, श्रीरामेश्वर मंदिर और श्री जगन्नाथ धाम की भव्य संरचनाएं
✔ स्वामी विवेकानंद और संत मीरा बाई की दिव्य प्रतिमाएं
✔ देश के वीर सैनिकों के सम्मान में अमर जवान ज्योति स्मारक
✔ योग, आयुर्वेद, पंचकर्म और अन्य प्राचीन चिकित्सा विधाओं के केंद्र
श्री श्री रविशंकर जी ने की भारतीय संस्कृति की प्रशंसा
पूज्य श्री श्री रविशंकर जी ने त्रिवेणी पुष्प परिसर की भव्यता की सराहना करते हुए कहा—
"यह स्थान भारतीय संस्कृति, धर्म, आस्था और मानवता के संगम का प्रतीक है, जो श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक यात्रा को नई दिशा प्रदान करेगा।"
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा—
"भारत केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक चेतना है। परमार्थ त्रिवेणी पुष्प इसी चेतना को जीवंत बनाता है।"
महाकुंभ का आध्यात्मिक संदेश
पूज्य साध्वी भगवती सरस्वती जी ने महाकुंभ की पावनता पर प्रकाश डालते हुए कहा—
"महाकुंभ केवल स्नान का पर्व नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और साधना का अवसर है। यह हमें सिखाता है कि जैसे जल की शुद्धता शरीर के लिए आवश्यक है, वैसे ही मानसिक और आत्मिक शुद्धता भी जीवन का महत्वपूर्ण अंग है।"
गंगा आरती और आध्यात्मिक आयोजन
शाम को गंगा आरती और ध्यान सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर आचार्य दीपक शर्मा, गंगा नंदिनी त्रिपाठी, अरुण सारस्वत, निवृति, आई.सी. अग्रवाल और परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमार उपस्थित रहे।
???? परमार्थ निकेतन के इस भव्य आयोजन ने महाकुंभ के आध्यात्मिक महत्व को और अधिक समृद्ध किया।
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