"शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती" - कमलेश त्रिपाठी
जिला मंत्री कमलेश त्रिपाठी ने वीर बाल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि शौर्य की पराकाष्ठा में आयु का कोई महत्व नहीं, बल्कि साहस ही सबसे महत्वपूर्ण है।
बारा, प्रयागराज: वीर बाल दिवस के अवसर पर ब्लॉक सभागार जसरा में आयोजित एक कार्यक्रम में जिला मंत्री कमलेश त्रिपाठी ने कहा कि शौर्य की पराकाष्ठा को हासिल करने में आयु का कोई महत्व नहीं होता। उन्होंने यह बात गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिब जादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के साहस को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कही।
कमलेश त्रिपाठी ने अपने संबोधन में बताया कि एक समर्थ और सशक्त युवाशक्ति के निर्माण के लिए हर किसी का प्रयास आवश्यक है, और इस शिक्षा को हमें हमारे गुरुओं से ही प्राप्त हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें समाज के प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर इस प्रयास में शामिल करना होगा ताकि हम एक मजबूत राष्ट्र की नींव रख सकें।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष जगत नारायण शुक्ला ने की। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री भूपेंद्र पाठक ने किया, और कार्यकर्ताओं का स्वागत मंडल महामंत्री नीरज केसरवानी ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से वरिष्ठ नेता राजा बाबू पाठक, प्रमुख प्रतिनिधि प्रीतम केसरवानी, अवध बिहारी मिश्रा, निधिश पाठक, राम केसरवानी, डब्लू प्रधान, दिनेश केसरवानी, संदीप द्विवेदी और प्रवीण मालवीय सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
यह आयोजन वीर बाल दिवस के महत्व को बढ़ावा देने के लिए था, जिसमें बच्चों के साहस और वीरता को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सभी उपस्थित व्यक्तियों ने बच्चों की शौर्य गाथाओं को याद किया और उनकी प्रेरणादायक यात्रा को सराहा।
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