सावित्री बाई फुले के जन्मदिन पर जलालपुर ब्लॉक में विचार गोष्ठी का आयोजन

सावित्री बाई फुले के जन्मदिन पर जलालपुर ब्लॉक में विचार गोष्ठी का आयोजन, जिसमें महिला शिक्षा, नारी मुक्ति आंदोलन और समाज सुधार पर चर्चा की गई।

जनवरी 4, 2025 - 19:32
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सावित्री बाई फुले के जन्मदिन पर जलालपुर ब्लॉक में विचार गोष्ठी का आयोजन
सावित्री बाई फुले के जन्मदिन पर जलालपुर ब्लॉक में विचार गोष्ठी का आयोजन

अम्बेडकर नगर : जलालपुर ब्लॉक की 6 ग्राम पंचायतों में सावित्री बाई फुले के जन्मदिन के मौके पर नारी संघ की बहनों द्वारा एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जन शिक्षण केंद्र द्वारा संचालित ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत ग्राम प्रधान राकेश यादव और मिशन शक्ति टीम की महिला कांस्टेबल कल्पना जी द्वारा दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण के साथ की गई। "लड़ो पढ़ाई करने को, पढ़ो समाज बदलने को" के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का आगाज हुआ।

कार्यक्रम में प्रमुख वक्तव्य
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दयाराम मास्टर जी ने कहा, "आज हम देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले का जन्मदिन मना रहे हैं। जिन्होंने अपने जीवन में शिक्षा के माध्यम से महिलाओं और दलितों को जागरूक किया और समाज सुधार के लिए संघर्ष किया।" उन्होंने आगे कहा कि सावित्री बाई फुले ने महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और समाज में बदलाव लाने का प्रयास किया।

नारी मुक्ति आंदोलन की नेता
जन शिक्षण केंद्र की सचिव पुष्पा पाल ने भी इस अवसर पर कहा, "सावित्री बाई फुले नारी मुक्ति आंदोलन की पहली नेता थीं। उन्होंने अंग्रेजों के दौर में महिलाओं के शिक्षा और छुआछूत जैसे भेदभाव के खिलाफ निडरता से आवाज उठाई। उनके संघर्ष ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाया।"

महिला शिक्षा और सुरक्षा पर चर्चा
मिशन शक्ति कार्यक्रम की महिला कांस्टेबल कल्पना जी ने महिलाओं में शिक्षा के महत्व और सुरक्षा के उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने महिला सुरक्षा से जुड़े विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जानकारी दी, जिन्हें महिलाएँ बेझिजक उपयोग कर सकती हैं।

समाज सुधार की दिशा में प्रयास
कार्यक्रम में नारी संघ की सदस्याओं के अलावा ग्रामवासी और जन शिक्षण केंद्र के अधिकारी भी मौजूद रहे। इस अवसर पर सभी ने "सावित्री बाई फुले अमर रहें, महिला शिक्षा जिन्दाबाद" जैसे नारे लगाकर कार्यक्रम का समापन किया।

यह आयोजन महिलाओं के अधिकारों, शिक्षा, और समाज सुधार के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करता है और यह साबित करता है कि महिलाओं की शक्ति से समाज में बदलाव संभव है।

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