पूर्णानंद घाट पर रामनवमी के पर्व पर गूंजी श्रद्धा की गूंज, महिलाओं ने की विशेष गंगा आरती
पूर्णानंद घाट पर महिलाओं ने रामनवमी पर गंगा आरती, कन्या पूजन और भंडारे के साथ भक्ति और एकता का संदेश दिया।

ऋषिकेश : पवित्र गंगा तट पूर्णानंद घाट पर इस वर्ष रामनवमी का पर्व भक्ति, उल्लास और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया। ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित इस विशेष अवसर पर महिलाओं ने प्रमुख भूमिका निभाई और गंगा तट पर नवमी तिथि के अनुसार माता सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा-अर्चना की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह कन्याओं के हवन पूजन से हुई, जिसमें आस्था और ऊर्जा का अनूठा संगम देखने को मिला। जय श्रीराम के उद्घोष से घाट गूंज उठा। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में माँ गंगा की महाआरती की और गंगा के पावन जल से पुण्य अर्जन किया।
रामनवमी के शुभ दिन पर समाज में महिलाओं के लिए समान अवसर, उत्तम स्वास्थ्य और अधिकार की प्रार्थना भी की गई। दिन भर घाट पर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहा और भक्ति की लहरें गंगा के जल में समाहित होती दिखीं।
कार्यक्रम में विशेष भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन को सफल बनाने में ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट की भूमिका सराहनीय रही।
डॉ. ज्योति शर्मा ने इस अवसर पर कहा, “नवरात्र में कन्या पूजन से माँ आदिशक्ति प्रसन्न होती हैं। शास्त्रों के अनुसार, कन्या भोज और पूजन से सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।” उन्होंने महिलाओं की धार्मिक भागीदारी को सामाजिक समरसता की दिशा में एक सशक्त कदम बताया।
इस अवसर ने एक बार फिर यह साबित किया कि जब आस्था और समाज सेवा एक मंच पर आते हैं, तो उत्सव केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन जाता है। पूर्णानंद घाट पर रामनवमी की यह भक्ति-गाथा समाज को एकता, समर्पण और श्रद्धा का संदेश देकर समाप्त हुई।
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