स्वस्थ और खुशहाल जीवन का राज: तृप्ति शाक्या ने दी राजयोग की प्रेरणा

पार्श्व गायिका तृप्ति शाक्या ने ब्रह्माकुमारी ज्ञान कुंभ में राजयोग मेडिटेशन को अपनाने और तनाव मुक्त जीवन का संदेश दिया।

जनवरी 24, 2025 - 20:32
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स्वस्थ और खुशहाल जीवन का राज: तृप्ति शाक्या ने दी राजयोग की प्रेरणा
स्वस्थ और खुशहाल जीवन का राज: तृप्ति शाक्या ने दी राजयोग की प्रेरणा

प्रयागराज। : प्रसिद्ध पार्श्व गायिका तृप्ति शाक्या ने ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित स्वर्णिम भारत ज्ञान कुंभ के चैतन्य देवियों की झांकी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अपनी मधुर आवाज़ और प्रेरणादायक विचारों से उन्होंने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ जैसे भक्ति गीत गाकर उन्होंने निराकार परमात्मा शिव को श्रद्धांजलि अर्पित की और उपस्थित लोगों के दिलों में अध्यात्म का दीप प्रज्वलित किया।

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी के कार्यक्रम से उन्हें सकारात्मक ऊर्जा मिली है। उन्होंने बताया, "राजयोग मेडिटेशन का नियमित अभ्यास न केवल तनाव को दूर करता है, बल्कि जीवन में खुशहाली और आत्मिक संतुलन लाने में मदद करता है।"

तृप्ति शाक्या ने कहा कि आध्यात्मिकता जीवन में शांति और संतुलन का मूल स्रोत है। उन्होंने राजयोग मेडिटेशन को अपनाने की प्रेरणा दी और इसे दिनचर्या का हिस्सा बनाने पर जोर दिया।

आचार्य विनोद कुमार का अनुभव:
इस अवसर पर सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर आचार्य विनोद कुमार ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने चैतन्य देवियों की महाआरती में भाग लिया और राजयोग के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा, "यदि आप जीवन में तनाव मुक्त रहना चाहते हैं, तो प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा राजयोग का अभ्यास करें।"

आचार्य कुमार ने बताया कि वह माउंट आबू स्थित ब्रह्माकुमारी मुख्यालय दो बार जा चुके हैं। वहां उन्होंने सच्ची शांति और आध्यात्मिक वाइब्रेशन का अनुभव किया। उन्होंने कहा कि राजयोग मनुष्य को सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक शांति प्रदान करता है।

झांकियां और प्रदर्शनियों की सराहना:
कार्यक्रम में शामिल विशिष्ट अतिथियों ने चैतन्य देवियों की झांकी और ज्ञान कुंभ मेले में लगी अन्य प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनियां समाज में नैतिक मूल्यों की आवश्यकता को बखूबी दर्शाती हैं।

स्वर्णिम भारत ज्ञान कुंभ की संयोजिका ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी ने आगंतुकों को राजयोग को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में सुख और शांति का अनुभव होता है।

राजयोग का संदेश:
कार्यक्रम में वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके सुषमा, बीके सरिता और बीके नीता ने उपस्थित लोगों को राजयोग के महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि राजयोग न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि आत्मिक विकास में भी सहायक है।

समाज में नैतिक मूल्यों की आवश्यकता:
अतिथियों ने इस बात पर जोर दिया कि समाज में नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए आध्यात्मिकता और राजयोग का प्रचार-प्रसार बेहद जरूरी है। यह पहल समाज को सकारात्मक दिशा में ले जाने में मददगार साबित होगी।

उपसंहार:
चैतन्य देवियों की झांकी के दर्शन और महाआरती के दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर राजयोग के संदेश को आत्मसात किया। ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा दिया गया यह आध्यात्मिक संदेश आने वाले समय में समाज के लिए प्रेरणा स्रोत साबित होगा।

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