संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, महाकुंभ की दिव्यता की बनेगी साक्षी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रयागराज में संगम स्नान करेंगी, अक्षयवट व बड़े हनुमान मंदिर दर्शन करेंगी, योगी आदित्यनाथ रहेंगे साथ।

फ़रवरी 9, 2025 - 19:25
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संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, महाकुंभ की दिव्यता की बनेगी साक्षी
संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

(जैनुल आब्दीन)

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 की पावन धरा पर देश की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, आस्था की डुबकी लगाने के लिए सोमवार को पहुंचेंगी। उनकी यह यात्रा सनातन संस्कृति की गहराई को प्रकट करने वाला ऐतिहासिक क्षण होगा। वे इस दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करेंगी और अक्षयवट तथा बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगी। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे।

राष्ट्रपति मुर्मू का यह दौरा करीब आठ घंटे का रहेगा, जहां वे संगम की दिव्यता और महाकुंभ की भव्यता को नजदीक से देखेंगी। त्रिवेणी संगम में मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पावन धाराओं में स्नान कर वे सनातन परंपरा का पालन करेंगी। इतिहास के पन्नों को देखें तो भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई थी।

आस्था और परंपरा का संगम
राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। महाकुंभ, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है, में राष्ट्रपति का संगम स्नान देशभर के श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणादायक होगा। इसके अलावा, वे यहां श्रद्धालुओं से भी संवाद कर सकती हैं और महाकुंभ की तैयारियों का अवलोकन करेंगी।

महाकुंभ की भव्यता का अनुभव करेंगी राष्ट्रपति
राष्ट्रपति संगम स्नान के बाद अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगी। अक्षयवट को सनातन धर्म में अमरत्व का प्रतीक माना जाता है, वहीं बड़े हनुमान मंदिर में विराजमान लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।

राजकीय सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
राष्ट्रपति की इस यात्रा को लेकर प्रयागराज प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। सुरक्षा एजेंसियों ने खास इंतजाम किए हैं और संगम क्षेत्र में कड़े सुरक्षा प्रबंध लागू किए गए हैं। इस दौरान संगम तट को विशेष रूप से सजाया गया है, जिससे राष्ट्रपति मुर्मू को आध्यात्मिक शांति और भक्ति का संपूर्ण अनुभव मिल सके।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह दौरा भारतीय संस्कृति, परंपरा और आस्था का जीवंत उदाहरण बनेगा। संगम में उनकी आस्था की डुबकी महाकुंभ के महत्व को और अधिक बढ़ाएगी। 

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