धर्मेंद्र प्रधान ने संगम में की पिता की अस्थियों का विसर्जन, नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रयागराज संगम में अपने पिता की अस्थियों का विधिपूर्वक विसर्जन किया। Keyword: धर्मेंद्र प्रधान संगम अस्थि विसर्जन

(जैनुल आब्दीन)
प्रयागराज। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को प्रयागराज में संगम तट पर अपने पिता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय देवेंद्र प्रताप प्रधान की अस्थियों का विधिपूर्वक विसर्जन किया। इस मौके पर उनके साथ बड़े भाई सोमेंद्र प्रधान भी उपस्थित रहे, जो अस्थि कलश उड़ीसा से लेकर आए थे। धार्मिक परंपराओं के अनुसार दोनों भाइयों ने संगम के त्रिवेणी घाट पर श्रद्धाभाव से पूजन व विधि कर अस्थियों को प्रवाहित किया।
इस भावुक अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संगम तट पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, पार्टी प्रभारी महेश चंद्र श्रीवास्तव, महानगर अध्यक्ष संजय गुप्ता, सांसद प्रवीण पटेल और उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' सहित कई नेता उपस्थित रहे।
इसके अतिरिक्त राज्य मंत्री राकेश सचान, महापौर गणेश केसरवानी, विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह, गंगापार भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान, यमुनापार जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ला और विधायक हर्षवर्धन बाजपेई ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। श्रद्धांजलि देने वालों में पीयूष रंजन निषाद, सुरेंद्र चौधरी, दीपक पटेल, पूजा पाल, नीरज त्रिपाठी, राजेश केसरवानी और डॉ. शैलेश पांडे भी शामिल रहे।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर मीडिया से दूरी बनाए रखी और केवल अपने पारिवारिक तथा धार्मिक कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित किया। अस्थि विसर्जन की इस पावन प्रक्रिया में विधि-विधान से कर्मकांड संपन्न किया गया, जिसमें पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विसर्जन संस्कार करवाया।
उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय देवेंद्र प्रताप प्रधान पूर्व में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे थे और भारतीय राजनीति में एक सादगीपूर्ण, निष्ठावान नेता के रूप में उनकी पहचान थी। उनके निधन के बाद देशभर से श्रद्धांजलि संदेश प्राप्त हुए थे।
प्रयागराज के संगम में अस्थियों का विसर्जन हिंदू परंपरा के अनुसार अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है, और इस धार्मिक स्थल पर देश के कई प्रमुख नेताओं द्वारा पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन किया गया है।
इस अवसर पर सुरक्षा और व्यवस्था की दृष्टि से प्रशासन द्वारा पर्याप्त प्रबंध किए गए थे। घाट पर शांति और गरिमा के वातावरण में यह संपूर्ण क्रिया संपन्न हुई।
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