महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर में संस्थापक लोक मणिलाल की जयंती धूमधाम से मनाई गई

जैनुल आब्दीन प्रयागराज: महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर में आज विद्यालय के संस्थापक लोक मणिलाल की जयंती "संस्थापक दिवस" के रूप में बड़े धूमधाम से मनाई गई। यह कार्यक्रम विद्यालय के प्रांगण में आयोजित हुआ, जिसमें विद्यार्थियों, शिक्षकों और विद्यालय प्रबंधन की उपस्थिति रही।

दिसंबर 21, 2024 - 20:24
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महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर में संस्थापक लोक मणिलाल की जयंती धूमधाम से मनाई गई
महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर में संस्थापक लोक मणिलाल की जयंती धूमधाम से मनाई गई

कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः कालीन प्रार्थना सभा से हुई, जिसमें विद्यालय के बच्चों ने संस्थापक बाबूजी के प्रति अपनी श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए सुंदर कविताएं प्रस्तुत की। वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती भट्टाचार्य ने महर्षि पतंजलि ऋषि के योगदान पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को उनके आदर्शों और संकल्पों पर चलने का संदेश दिया।

संस्थापक दिवस के अवसर पर छात्रों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने "कदम से कदम मिले" नामक सामूहिक गीत गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद, "होमेज टू आवर फाउंडर्स" अंग्रेजी कविता के माध्यम से बाबूजी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कक्षा नौवीं की छात्रा ने बाबूजी के जीवन पर आधारित एक काव्य पाठ किया, और कक्षा 11 के छात्र ने संस्थापक महोदय के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए एक स्वरचित कविता प्रस्तुत की।

इसके अतिरिक्त, विद्यालय के छात्रों ने बाबूजी के जीवन, उनके कार्य और उनके अद्वितीय योगदान पर आधारित एक नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें उनके शुद्ध आचार-विचार और आहार के महत्व को दर्शाया गया। विद्यार्थियों ने एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन भी किया, जिसमें बाबूजी के जीवन की उपलब्धियों और उनके योगदान के बारे में जानकारी दी गई। इस मौके पर पतंजलि विद्यालय समूह की सचिव श्रीमती डॉ. कृष्णा गुप्ता, कोषाध्यक्ष रवींद्र गुप्ता और प्रधानाचार्या श्रीमती अल्पना डे के हाथों बाबूजी के नाम का एक टिकट जारी किया गया।

कार्यक्रम के दौरान, विद्यालय के कोषाध्यक्ष रवींद्र गुप्ता ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम की सराहना करते हुए बाबूजी के कृषि क्षेत्र में किसानों को सशक्त बनाने के लिए शीतालयों की स्थापना के योगदान का उल्लेख किया।

पतंजलि विद्यालय समूह की सचिव श्रीमती डॉ. कृष्णा गुप्ता ने कहा कि बाबूजी का दृष्टिकोण विज्ञान और शिक्षा के साथ भारतीय परंपराओं को जोड़ने का था। महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर उनके सपनों का साकार रूप है, और यह विद्यालय बच्चों को समृद्ध संस्कारों और शिक्षा से आच्छादित करने में निरंतर प्रयासरत है।

कार्यक्रम के समापन में विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती अल्पना डे ने उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद ज्ञापित किया और बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने बाबूजी के जीवन से प्रेरणा लेकर विज्ञान, कला और अध्यात्म का समन्वित रूप में जीवन जीने का संदेश दिया।

संस्थापक दिवस के अवसर पर कक्षा 1 से 8 तक के विभिन्न कक्षाओं में भी विशेष गतिविधियों का आयोजन किया गया।

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