ग्राम रोजगार सेवकों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा

नियमितीकरण और वर्षों से लंबित मांगों को लेकर प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर जनपद के सभी ग्राम रोजगार सेवकों ने आज मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

अक्टूबर 6, 2024 - 21:04
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ग्राम रोजगार सेवकों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा
ग्राम रोजगार सेवकों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा

जैनुल आब्दीन

प्रयागराज। नियमितीकरण और वर्षों से लंबित मांगों को लेकर प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर जनपद के सभी ग्राम रोजगार सेवकों ने आज मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। ग्राम रोजगार सेवक पंचायत मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले हजारों रोजगार सेवक नारेबाजी करते हुए अपने हक की आवाज बुलंद कर रहे थे।

सरकार की नीयत पर सवाल: श्यामसूरत पाण्डेय
संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्यामसूरत पाण्डेय ने कहा कि रोजगार सेवकों के प्रति सरकार की नीयत में कमी है। सरकार जो गांवों के विकास की बात करती है, उसी सरकार के सचिवों पर पांच से छह ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी होती है, जिससे समुचित विकास नहीं हो पाता। वहीं, ग्रामीणों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में रोजगार सेवक एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं, जिन्हें सरकार सहायक सचिव के पद पर नियमित कर सकती है। इससे न सिर्फ संगठन की मांगें पूरी होंगी, बल्कि गांवों के विकास को भी गति मिलेगी।

तीन साल से घोषणाएं अधूरी: अरुण यादव
संगठन के जिलाध्यक्ष अरुण यादव ने याद दिलाया कि 4 अक्टूबर 2021 को लखनऊ में मुख्यमंत्री ने मनरेगा सम्मेलन में रोजगार सेवकों के हित में एचआर नीति, ईपीएफ और अन्य सुविधाओं की घोषणाएं की थीं। लेकिन तीन साल बीतने के बावजूद उन घोषणाओं पर कोई अमल नहीं हुआ है, और अब तक कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं। यही कारण है कि रोजगार सेवक आज मजबूर होकर जिला मुख्यालय पर धरना देने आए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 18 वर्षों से रोजगार सेवक गांवों के विकास और मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा उनकी उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने रोजगार सेवकों को नियमित कर राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग की।

ईपीएफ का मुद्दा और आंदोलन की चेतावनी
धरने का नेतृत्व कर रहे प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश पटेल ने बताया कि पिछले 9 वर्षों से रोजगार सेवकों का ईपीएफ काटा जा रहा है, लेकिन अब तक इसे यूएएन खातों में जमा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी इस धनराशि के बारे में कोई जानकारी देने से बच रहे हैं। उन्होंने मांग की कि रोजगार सेवकों को नियमितीकरण तक 30,000 रुपये प्रतिमाह का वेतन दिया जाए। मंडल अध्यक्ष विजय चन्द्र विश्वकर्मा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया, तो प्रदेश के रोजगार सेवक लखनऊ में बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।

धरने का संचालन नुरूद्दीन हाशमी ने किया। मौके पर अशोक कुमार सिंह, सुनील तिवारी, हरिओम प्रकाश सुमन सरोज, मानसिंह, फूलसागर यादव, अनिल पांडेय, संत कुमार, संगम लाल यादव, सुरेश चंद्र, विष्णु स्वर्णकार, पंकज पटेल, राजीव यादव, वीरेन्द्र गौतम, दिलीप विश्वकर्मी, संतलाल गुप्ता सहित बड़ी संख्या में ग्राम रोजगार सेवक उपस्थित रहे।

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