आईएमईसी सम्मेलन में रीता जोशी ने प्रतिभाग किया
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) के अवसरों और संभावनाओं पर चर्चा के लिए वल्र्ड ट्रेड सेंटर (डब्ल्यूटीसी) मुंबई में एक सम्मेलन आयोजित किया गया
जैनुल आब्दीन
प्रयागराज। हाल ही में घोषित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) के अवसरों और संभावनाओं पर चर्चा के लिए वल्र्ड ट्रेड सेंटर (डब्ल्यूटीसी) मुंबई में एक सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें सांसद प्रोफेसर डा. रीता बहुगुणा जोशी ने भी प्रतिभाग किया। इस मौके पर प्रोफेसर डा. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा आईएमईसी समावेशिता और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रति हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को उजागर करता है।
इसने भारत और इस परियोजना का हिस्सा रहे अन्य देशों के लिए कई अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। गलियारा आर्थिक एकता बढ़ाएगा, नौकरियां पैदा करेगा, लॉजिस्टिक लागत कम करेगा, दक्षता बढ़ाएगा और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करेगा, इस प्रकार आर्थिक विकास से लेकर बेरोजगारी और जलवायु परिवर्तन तक कई मुद्दों का समाधान होगा। यह गलियारा भारत, मध्य पूर्व और यूरोप को वैश्विक स्तर पर व्यापार मार्गों और व्यापारिक साझेदारों का पता लगाने और विविधता लाने की भी पेशकश करेगा।
आईसीपीआरडी के अध्यक्ष क्र. राजीव रंजन सिंह ने सम्मेलन की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा आईएमईसी एक ऐसी परियोजना है जो भारत और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी। हम विशेषकर भारत के लिए गलियारा खुलने की संभावनाओं पर बातचीत शुरू करने के लिए सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य उद्यमियों, मंत्रियों, नीति निर्माताओं और अन्य सभी हितधारकों को चर्चाओं और विचार-मंथन सत्रों में भाग लेने के लिए शामिल करना है ताकि हम भारत और अन्य सहयोगी देशों को इस परियोजना से लाभान्वित करने के सर्वोत्तम तरीकों के साथ आ सकें। उन्होंने आगे कहा इस विषय पर कई सम्मेलनों की श्रृंखला में यह पहला है। हमने मुंबई से शुरुआत करने का फैसला किया क्योंकि यह आईएमईसी का शुरुआती बिंदु होगा।
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