एयर शो - आसमान में गरजेंगे लड़ाकू विमान , मिग-29 की आज होगी शानदार विदाई
एयर शो - आसमान में गरजेंगे लड़ाकू विमान , मिग-29 की आज होगी शानदार विदाई
प्रयागराज। संगम क्षेत्र में आज भारतीय सेना के जवान व लड़ाकू विमान अपना करतब दिखाएंगे। जब एयर-शो से पहले वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने रिहर्सल किया। राफेल, सुखोई, मिग और जगुआर जैसे प्लेन आसमान में कलाबाजी से लोगों का मन मोह लिया है। इन्हें देखने के लिए लाखों लोग पहुंचे थे। बादलों के बीच से जगुआर अचानक गर्जना करते हुए आते, फिर चंद सेकेंडों में गायब हो जाते।प्रयागराज में संगम के ऊपर एयर शो का आयोजन किया गया है।
सारंग हेलीकॉप्टर ने अपने रंग बिरंगे रूप से सभी काे आकर्षित किया। सारंग हेलीकॉप्टर ने अपने रंग बिरंगे रूप से सभी काे आकर्षित किया।
वायुसेना अपने ध्येय वाक्य 'नभ: स्पृशं दीप्तम्' के साथ देश की सवा करते हुए अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। वायु सेना ने इस ध्येय वाक्य को भगवत गीता के 11वें अध्याय से लिया है। भारतीय वायुसेना अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। यही कारण है कि प्रयागराज के संगम में आसमान को चीरते वायु सेना के लड़ाके विमानों की गर्जना से जल, थल और नभ गूंज उठा। भारतीय वायु सैनिकों, प्रशिक्षित पैराशूटर्स और कुशल पायलटों ने भारतीय वायु सेना की अदम्य साहस, ताकत और कौशल का प्रदर्शन किया।
आसमान में गर्जना कर जब लड़ाकू विमान निकले तो सभी सन्न रह गए।
आसमान में मक्खी की तरह दिखे पैराट्रूपर्स।AN-32 बोइंग विमान से पैराट्रूपर्स 8000 फीट की ऊंचाई से नीचे किले के सामने उतरे तो वहीं चेतक, सूर्य किरण टीम ने हेलीकॉप्टरों से काफी नजदीक आकर लाखों की संख्या में आए दर्शकों का अभिवादन किया। विमान से उतरने के बाद 9 पैराट्रूपर्स के 8000 फीट की ऊंचाई से उतरने का उद्घोष किया गया तो लाखों की भीड़ उन्हें आसमान में ढूंढती रही। काफी देर बाद वो मक्खी की शक्ल में बहुत छोटे से आसमान में रंग बिरंगे पैराशूट लेकर उतरते दिखाई दिए।आगरा पैराट्रूपर्स अकादमी के ये जवान किले के सामने अपने आब्जेक्ट पर काफी कुशलता और सटीक जगह पर उतरे। दो और तीन पैराट्रूपर्स आसमान में एक दूसरे से जुड़े रहे और काफी नजदीक आकर अलग हुए। तिरंगा रंग में पैराट्रूपर्स जब आसमान से नीचे उतरे तो उनके स्वागत के लिए संगम क्षेत्र तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। सभी ने भारत माता की तय का उद्घोष किया।
जगुआर आसमान में पलक झपकते ओझल हो गया
जगुआर ने किले की ओर से संगम में एंट्री की और तब तक लोग ठीक से उसे देख पाते आंखों से ओझल हो गया। इसके बाद प्रचंड और अपाचे विमानों की गर्जना से नभ गूंज उठा। लड़ाकू विमानों ने दर्शकों को अपनी ताकत का एहसास दिलाया। आसमान में फायर बॉल्स उड़ाकर सभी को चकित कर दिया। जैसे लग रहा था कि आसमान में कोई रंगबिरंगा पटाखा फोड़ रहा है।
वायु सेना के जवानों ने आसमान में कुछ इस तरह से डायमंड झालर बनाकर सभी को चकित कर दिया।वायु सेना के जवानों ने आसमान में कुछ इस तरह से डायमंड झालर बनाकर सभी को चकित कर दिया।
C-295 पहली बार उड़ा और मिग-29 को शानदार विदाई दी
भारतीय सेवा में खुद भारत द्वारा निर्मित पूरी तरह स्वदेशी C-295 विमान ने पहली बार संगम पर उड़ान भरी। वहीं दूसरी ओर मिग-29 अपने आखिरी सफर की ओर निकला। 8 अक्टूबर को इस विमान को भव्य विदाई दी जाएगी। उस दिन उसका आखिरी प्रदर्शन होगा। अब 8 अक्टूबर को वायु सैनिक एयर-शाे में 120 से अधिक विमान उड़ाएंगे।
पैराट्रूपर्स ने संगम में किले के सामने 8 हजार फीट की ऊंचाई से कूदकर सभी को चकित कर दिया।
हेलीकॉप्टर ने आसमान में धुंए से दिल बनाया और उसे तीर से भेद दिया
दर्शकों को वायु सैनिकों के आसमान में धुंए से दिल बनाने और उसे भेदने का प्रदर्शन बहुत शानदार लगा। असंभव से लगने वाले इस काम को भारतीय वायु सेना के ध्रुव हेलीकॉप्टरों की सारंग टीम ने बहुत की कुशलता से किया। 5 ध्रुव हेलीकॉप्टर्स ने संगम में एंट्री मारी और फिर अलग हो गए। इसके बाद तीन ने अरैल की ओर से और दो ने शास्त्री पुल की और से एक दूसरे को काफी करीब से क्रॉस किया। इसके बाद दो ने रंगीन धुंआ छोड़ते हुए दिल की आकृति बनाई और तीसरे ने उस दिल को भेद दिया और निकल गया। आसमान में बनी यह आकृति लोगों के जीवन में आजीवन रहने वाली है। वंदे मातरम और मां तुझे सलाम की धुन पर सभी हेलीकॉप्टरों ने आगे झुककर सभी को सलाम किया और फिर आसमान में ओझल हो गए।
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