दोपहर 12 से अपरान्ह 03 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचे - अपर जिलाधिकारी
प्रतापगढ़। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0)/मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण त्रिभुवन विश्वकर्मा ने बताया है कि जनपद में विगत 14 दिनों से तापमान 40 डिग्री0से0 से अधिक रहा है जिसके कारण हीटवेव (लू) बढ़ रहा है जिसमें आवश्यक सावधानियां रखी जानी चाहिये। उन्होने लू (हीट स्ट्रोक)/गर्म हवाओं से बचाव हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है।

उन्होने हीट स्ट्रोक से बचाव के सम्बन्ध में बताया है कि प्रचार माध्यमों पर हीट वेव/लू की चेतावनी पर ध्यान दें, अधिक से अधिक पानी पिये यदि प्यास न लगी हो तब भी, हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें, धूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें। अगर आप खुले में कार्य करते है तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहें तथा छाते का प्रयोग करें। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़े से पोछे अथवा नहलायें तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें।
यात्रा करते समय पीने का पानी साथ ले जायें, ओ0आर0एस0, घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नीबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे कि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके। हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, मूर्छा आदि को पहचानें। यदि मुर्छा या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सीय सलाह लें।
अपने घर को ठण्डा रखें, पर्दे, दरवाजे आदि का उपयोग करें तथा शाम/रात के समय घर तथा कमरों को ठण्डा करने हेतु इसे खोल दें। पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें। कार्य स्थल पर ठण्डे पीने का पानी रखें/उपलब्ध करायें। कर्मियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें, श्रमसाध्य कार्यो को ठण्डे समय में करने/कराने का प्रयास करें। घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृत्ति को बढ़ायें। गर्भस्थ महिला कर्मियों तथा रोगग्रस्त कर्मियों पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिये।
उन्होने बताया है कि जानवरों एवं बच्चो को कभी भी बन्द/खड़ी गाड़ियों में अकेला न छोड़े। दोपहर 12 से अपरान्ह 03 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचे। सूर्य के ताप से बचने के लिये जहां तक सम्भव हो घर के निचली मंजिल पर रहें। गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें। जब बाहर का तापमान अधिक तब श्रमसाध्य कार्य न करें। अधिक प्रोटीन तथा बासी एवं संक्रमित खाद्य एवं पेय पदार्थो का प्रयोग न करें। अल्कोहल, चाय व काफी पीने से परहेज करें।
उन्होने हीट स्ट्रोक के लक्षण के सम्बन्ध में बताया है कि गर्म, लाल, शुष्क त्वचा का होना, पसीना न आना, तेज पल्स होना, उथले श्वास गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन, भ्रम की स्थिति, सिरदर्द, मितली, थकान और कमजोरी होना, चक्कर आना, मूत्र न होना अथवा इसमें कमी है। हीट स्ट्रोक लक्षणों के चलते मनुष्यों के शरीर में उच्च तापमान में शरीर के आंतरिक अंगो, विशेष रूप से मस्तिष्क को नुकसान पहुॅचाता है तथा शरीर में उच्च रक्तचाप उत्पन्न करता है, मनुष्य के हृदय के कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न होता है। जो लोग एक या दो घंटे से अधिक समय तक 40.6 डिग्री0से0 105 डिग्री एफ0 या अधिक तापमान अथवा गर्म हवा मेंं रहते है तो उनके मस्तिष्क में क्षति होने की सम्भावना प्रबल हो जाती है। उन्होने बताया है कि विभिन्न स्थितियों में लू लगने की सम्भावना अधिक रहती है जैसे शराब की लत, हृदय रोग, पुरानी बीमारी, मोटापा, पार्किंसंस रोग, अधिक उम्र, अनियंत्रित मधुमेह तथा ऐसी कुछ औषधियां जैसे डाययूरेटिक, एंटीस्टिमिनिक, मानसिक रोग की कुछ औषधियां है।
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