प्रदेश में 6 फार्मासिस्टों की आकस्मिक मृत्यु से प्रदेश का फार्मासिस्ट संवर्ग शोक 

सप्ताह में सातों दिन 24 घंटे ड्यूटी करने के बाद फार्मासिस्ट हो रहे अवसाद का शिकार - संदीप  

मई 23, 2024 - 17:06
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प्रदेश में 6 फार्मासिस्टों की आकस्मिक मृत्यु से प्रदेश का फार्मासिस्ट संवर्ग शोक 

शुभम कश्यप

लखनऊ। फार्मेसिस्ट संवर्ग में विगत दिनों फार्मासिस्टों की आकस्मिक मृत्यु होने से स्तब्ध डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश द्वारा बृहस्पतिवार को बलरामपुर चिकित्सालय  स्थित संघ भवन में संवर्ग के साथियों की रक्षा के लिए व दिवंगत साथियों की आत्मा की शांति के लिए हवन पाठ एवम पूजा अर्चना की ।

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला एवं महामंत्री उमेश मिश्रा ने बताया कि विगत 15 मई से 20 मई की अवधि में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 6 फार्मासिस्टों की आकस्मिक मृत्यु से प्रदेश का फार्मासिस्ट संवर्ग व्यथित हो गया है  इससे पूर्व भी अनेकों फार्मासिस्टों की आकस्मिक मृत्यु हुई है ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में फार्मासिस्टों के ऊपर अत्यधिक कार्यभार व सप्ताह में सातों दिन 24 घंटे ड्यूटी करने के बाद फार्मासिस्ट अवसाद का शिकार हो रहे हैं ।शहरी चिकित्सालयो से लेकर ग्रामीण चिकित्सालयो में फार्मासिस्टों के पद अत्यंत कम होने के कारण उनको रात दिन कार्य करना पड़ रहा है। हालात यह है कि 24 घंटे संचालित होने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केदो में जहां प्रतिदिन लगभग 1000 मरीज आते हैं वहां मात्र दो फार्मासिस्ट कार्यरत हैं एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जन्हा 300 से 500 मरीज आते है वन्हा मात्र एक फार्मासिस्ट कार्यरत है ,बड़े-बड़े चिकित्सालय में नाम मात्र को फार्मासिस्ट व चीफ फार्मासिस्ट के पद सृजित हैं।

चिकित्सालय में औषधि के रखरखाव, औषधि वितरण,24 घंटे इमरजेंसी ड्यूटी करना,इंजेक्शन लगाना , ए आर वी लगाना ,मरहम पट्टी, प्लास्टर लगाना, पोस्टमार्टम ड्यूटी करना ,वीआईपी ड्यूटी करना, ऑन लाइन पोर्टल पर रिपोर्टिंग करना, रिकॉर्ड मेंटेन करना एवं सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भागीदारी करना आदि सभी कार्य फार्मासिस्ट द्वारा संपादित किए जाते हैं ।जहां चिकित्सक नियुक्त नहीं है वहां पूरे चिकित्सालय का संचालन करना फार्मासिस्ट की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय के अधिकांश कार्यों में फार्मासिस्टों की सहभागिता व कम पद होने के कारण व साप्ताहिक अवकाश न मिल पाने के कारण फार्मासिस्ट कार्य की अधिकता के चलते तनाव व अवसाद का शिकार होकर बीमार हो रहे हैं और उनकी आकस्मिक मृत्यु हो रही है जो चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय स्वास्थ्य मंत्री , शासन व स्वास्थ्य महानिदेशालय को समय-समय पर संगठन द्वारा उपरोक्त समस्या से अवगत कराया गया लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम निकालकर नहीं आया। उन्होंने कहा कि पुनः संगठन सरकार व शासन से मांग करेगा कि फार्मासिस्टों के नए पदों का सृजन कर कर चिकित्सालय में उन्हें प्रयाप्त सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

 हवन व पूजा कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला, महामंत्री उमेश मिश्रा ,संरक्षक आर एन डी द्विवेदी ,कोषाध्यक्ष अजय कुमार पांडे, प्रवक्ता एस एम त्रिपाठी ,के के सिंह ,अनिल शुक्ला ,मनमोहन मिश्रा, राजेश पांडे ,अजीत मिश्रा, सुनील राय, संगीता वर्मा, संजीव शर्मा, शिरीष मिश्रा ,अनिल श्रीवास्तव, सुभाष श्रीवास्तव ,सतीश त्रिपाठी, विवेक श्रीवास्तव ,प्रभाकर त्रिपाठी, सतीश त्रिपाठी ,दिनेश पांडे ,अनिल चौधरी ,संजीव कौशिक ,आदि उपस्थित रहे ।

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