एचडीएफसी बैंक का ‘परिवर्तन’: 2025 तक 1,000 गांवों में सौर ऊर्जा से जगमगाएंगे घर और रास्ते

एचडीएफसी बैंक का लक्ष्य 2025 तक 1,000 गांवों में सौर ऊर्जा समाधान पहुंचाना, स्वच्छ ऊर्जा के लिए एक प्रभावशाली पहल

अप्रैल 21, 2025 - 18:42
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एचडीएफसी बैंक का ‘परिवर्तन’: 2025 तक 1,000 गांवों में सौर ऊर्जा से जगमगाएंगे घर और रास्ते
एचडीएफसी बैंक का ‘परिवर्तन’: 2025 तक 1,000 गांवों में सौर ऊर्जा से जगमगाएंगे घर और रास्ते

लखनऊ। इस वर्ष पृथ्वी दिवस की थीम "हमारी शक्ति, हमारा ग्रह" के अनुरूप, एचडीएफसी बैंक ने अपनी प्रमुख सीएसआर पहल ‘परिवर्तन’ के अंतर्गत एक बड़ा कदम उठाया है। बैंक ने घोषणा की है कि वह 2025 के अंत तक भारत के 1,000 से अधिक गांवों को स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों से जोड़ देगा।

इस पहल का उद्देश्य सिर्फ सौर ऊर्जा तक पहुंच प्रदान करना नहीं है, बल्कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी समुदायों को आत्मनिर्भर बनाना है। अभी तक 22 राज्यों में 61,655 से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइट्स लगाई जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, परिवर्तन पहल सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में सौर पैनल लगाकर निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है।

परिवर्तन की सौर योजनाएं न केवल बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही हैं बल्कि सड़क सुरक्षा, पीने के पानी, खेती, खाद्य प्रसंस्करण और रोज़गार के अवसरों को भी बेहतर बना रही हैं। इसका असर कई क्षेत्रों में देखा जा रहा है जहां अब रात में भी रोशनी रहती है और छात्र बिना रुकावट के पढ़ाई कर सकते हैं।

एचडीएफसी बैंक ने केवल तकनीकी समाधान तक सीमित न रहकर ‘सोलर शिक्षा’ नामक एक अभिनव जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया है। यह पहल सौर ऊर्जा से जुड़े मिथकों और जानकारी की कमी को दूर करने का काम करती है। कार्यक्रम के तहत अब तक 90 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं, जिनसे 3,000 से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं।

सोलर शिक्षा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण समुदाय सिर्फ तकनीक के उपयोगकर्ता नहीं बल्कि उसके सच्चे भागीदार बनें। कार्यशालाओं में भाग लेने वाले लोगों को सरकारी योजनाओं, सब्सिडी और सौर उपकरणों के व्यावहारिक उपयोग की जानकारी दी जाती है।

एचडीएफसी बैंक के उप प्रबंध निदेशक कैज़ाद भरूचा ने कहा, "हमारा मानना है कि सतत विकास तभी संभव है जब उसमें समुदाय की भागीदारी हो। सौर ऊर्जा न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि यह लोगों की आजीविका, शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है।"

वहीं, सीएसआर प्रमुख नुसरत पठान ने जोर देते हुए कहा, "हम सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं दे रहे, बल्कि एक ऐसा ढांचा बना रहे हैं जो दीर्घकालिक ऊर्जा स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है।"

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