पहलगाम हमले पर वैश्विक आक्रोश: भारत को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन और एकजुटता का भरोसा
पहलगाम आतंकी हमले पर वैश्विक नेताओं की निंदा, भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और आतंकवाद के खिलाफ साझा संकल्प।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयानक आतंकी हमले ने न केवल भारत को झकझोरा, बल्कि पूरी दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट कर दिया है। इस हमले में 27 से अधिक निर्दोष पर्यटकों की हत्या ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गहरे आघात में डाल दिया है। विश्व के प्रमुख नेताओं ने इस नृशंस घटना की तीव्र निंदा की और भारत के प्रति संवेदना व समर्थन प्रकट किया।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस हमले को मानवता के विरुद्ध अपराध बताया और स्पष्ट किया कि आतंक के इस चेहरे को उजागर कर, दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। गृह मंत्री शाह ने कश्मीर दौरे के दौरान कहा, “भारत आतंक के आगे कभी नहीं झुकेगा। यह कायरता का प्रतीक है, जिसका जवाब दिया जाएगा।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को अमेरिका का “अटूट सहयोगी” बताया और आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग जारी रखने का भरोसा दिलाया। भारत दौरे पर आए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि “आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत अकेला नहीं है।”
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की जनता के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि रूस हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है और भारत के साथ खड़ा है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने नागरिकों पर हुए इस बर्बर हमले की निंदा करते हुए इसे “निंदनीय और अस्वीकार्य” बताया।
यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कालास, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, इटली और डेनमार्क के नेताओं ने भी हमले को “अमानवीय” करार देते हुए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू, श्रीलंका और नेपाल ने भारत के साथ गहरी एकजुटता जताई।
एस्टोनिया, डेनमार्क और इटली जैसे छोटे-छोटे लेकिन मुखर देशों ने भी अपने बयानों में आतंकवाद को वैश्विक संकट बताते हुए भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई।
यह घटना वैश्विक मंच पर एक बार फिर यह दर्शाती है कि आतंकवाद किसी एक देश या क्षेत्र की समस्या नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय संकट है, जिसके खिलाफ मिलकर खड़ा होना जरूरी है। भारत को मिली यह वैश्विक एकजुटता इस बात का प्रतीक है कि जब भी मानवता पर हमला होता है, विश्व एकजुट होकर उसका जवाब देने को तैयार होता है।
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