महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक: ओम बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने त्रिवेणी संगम में महाकुंभ स्नान किया। उन्होंने इसे भारत की आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक बताते हुए, सामाजिक और आध्यात्मिक समरसता का पर्व कहा।

महाकुंभ नगर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शनिवार को महाकुंभ पहुंचे और त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई। उन्होंने मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती का आशीर्वाद लिया और देशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की।
महाकुंभ: भारत की आध्यात्मिक विरासत
मीडिया से बातचीत में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक है। यह हमारी प्राचीन संस्कृति और धर्म का महोत्सव है, जहां संतों की वाणी, उनका प्रभाव और भक्तों की श्रद्धा अद्भुत रूप में देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि मां गंगा की कृपा सभी पर बनी रहे और हर व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आए।
समभाव और समरसता का प्रतीक है महाकुंभ
लोकसभा अध्यक्ष ने वेद-पुराणों का उल्लेख करते हुए कहा कि महाकुंभ जाति और धर्म से ऊपर उठकर समभाव और समरसता का प्रतीक है। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक चेतना को जागृत करता है बल्कि मन और आत्मा की शुद्धता भी प्रदान करता है।
राजनीति से परे, सामाजिक समरसता का अवसर
ओम बिरला ने कहा कि महाकुंभ राजनीति से परे एक सामाजिक और आध्यात्मिक समरसता का पर्व है। उन्होंने इस आयोजन को भारत की सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत उदाहरण बताते हुए कहा कि पूरे देश से गांव-गांव और शहर-शहर से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं, जो इस आयोजन की विशालता और पवित्रता को दर्शाता है।
श्रद्धालुओं को दी शुभकामनाएं
लोकसभा अध्यक्ष ने महाकुंभ के प्रति अपने विश्वास को दोहराते हुए कहा कि यह आध्यात्मिक शांति प्रदान करने के साथ-साथ समाज को जोड़ने का कार्य भी करता है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं और इस महान धार्मिक आयोजन के सफल संचालन की सराहना की।
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