एनटीपीसी टांडा: दिव्यांग महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
एनटीपीसी टांडा द्वारा दिव्यांग महिलाओं के स्वावलंबन के लिए आयोजित कार्यशाला, जो शैम्पू, साबुन और मोमबत्तियाँ बनाने का प्रशिक्षण प्रदान करती है। जानें इसके सामाजिक प्रभाव के बारे में।

अम्बेडकर नगर : एनटीपीसी टांडा न केवल ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी है, बल्कि यह समाज की सेवा में अपनी जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा रहा है। टांडा परियोजना अपने आसपास के ग्रामवासियों के साथ गहरे और आत्मीय संबंध बनाए रखते हुए, समाज के विभिन्न वर्गों की सेवा में संलग्न है। खासतौर पर, युवा कौशल विकास से लेकर महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने तक, एनटीपीसी टांडा ने कई पहल की हैं, जो समाज के उत्थान के लिए समर्पित हैं।
दिव्यांग महिलाओं के लिए कार्यशाला
इसी दिशा में एनटीपीसी टांडा ने अपने नैगम सामाजिक दायित्व (CSR) और गरिमा महिला मंडल के सहयोग से एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य दिव्यांग महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए शैम्पू, साबुन और सुगंधित मोमबत्तियाँ बनाने का प्रशिक्षण देना था।
कार्यशाला में बड़ी संख्या में दिव्यांग महिलाओं ने भाग लिया और विभिन्न उत्पादों के निर्माण के गुण सीखें। इस पहल का मुख्य उद्देश्य इन महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना था।
कार्यक्रम में गरिमा महिला मंडल की उपस्थिति
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती संघमित्रा परिदा, गरिमा महिला मंडल की अध्यक्ष, ने अपनी प्रेरणादायक उपस्थिति से इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। उन्होंने कहा, "यह कार्यशाला दिव्यांग महिलाओं के लिए एक नई शुरुआत है। यह उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने का साहस और अपने सपनों को पूरा करने का मार्ग प्रदान करेगी।" उन्होंने यह भी वादा किया कि एनटीपीसी टांडा इन महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों के विक्रय के लिए बाजार उपलब्ध कराने में सहायता करेगा।
कार्यशाला का संचालन और टीम का योगदान
कार्यशाला का कुशल संचालन सुश्री निष्ठा सिंह (अधिकारी, CSR) ने किया। गरिमा महिला मंडल और CSR टीम के सामूहिक प्रयासों ने इस कार्यक्रम को एक प्रेरणादायक और सकारात्मक पहल बना दिया।
कार्यक्रम के अंत में श्रीमती संघमित्रा परिदा ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दीं और भविष्य में इस प्रकार की और गतिविधियों के आयोजन का वादा किया।
समाज को सशक्त बनाने की दिशा में एनटीपीसी टांडा का योगदान
यह कार्यक्रम न केवल दिव्यांग महिलाओं के जीवन में बदलाव लाएगा, बल्कि उनके परिवारों और समुदायों में भी आत्मविश्वास और स्वावलंबन की भावना पैदा करेगा। एनटीपीसी टांडा का यह प्रयास एक मिसाल है कि किस तरह समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाया जा सकता है।
What's Your Reaction?






