प्रवासी भारतीयों के लिए मोदी सरकार का विशेष फोकस
प्रवासी भारतीयों से जुड़े भारत की विदेश नीति के अहम पहलू, जयशंकर ने ब्रिटेन दौरे में साझा किए विचार।

नई दिल्ली। भारतीय मूल के करोड़ों लोग दुनियाभर के विभिन्न देशों में बसे हुए हैं और पिछले कुछ वर्षों में प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ाव भारत की विदेश नीति का अहम हिस्सा बन गया है। हाल ही में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ब्रिटेन दौरे के दौरान भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए इस पहलू को रेखांकित किया।
डॉ. जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी अन्य प्रधानमंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी की तरह प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को मजबूत करने में इतना प्रयास नहीं किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत में सरकारें आती-जाती रही हैं, लेकिन पिछले पांच दशकों के अपने अनुभव के आधार पर वे मानते हैं कि किसी प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ संबंध मजबूत करने में उतना निवेश नहीं किया, जितना प्रधानमंत्री मोदी ने किया है।
विदेश मंत्री का यह बयान भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच लगातार प्रगाढ़ होते संबंधों को दर्शाता है। हाल ही में ब्रिटेन के दौरे के दौरान डॉ. जयशंकर ने उत्तरी आयरलैंड के बेलफास्ट और ब्रिटेन के मैनचेस्टर में दो नए भारतीय महावाणिज्य दूतावासों का उद्घाटन किया।
जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार की तीन बड़ी प्राथमिकताएं हैं, जिनमें से एक प्रमुख प्राथमिकता प्रवासी भारतीयों से जुड़ाव है। दूसरी प्राथमिकता व्यापार को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि नई सरकार के गठन के बाद प्रवासी भारतीयों की जरूरतों को देखते हुए ऐसे स्थानों का चयन किया गया, जहां नए भारतीय महावाणिज्य दूतावास स्थापित किए जा सकते हैं।
मैनचेस्टर और बेलफास्ट में नए महावाणिज्य दूतावास खुलने से ब्रिटेन में रहने वाले प्रवासी भारतीयों को न केवल आवश्यक सेवाओं में आसानी होगी, बल्कि उनके भारत से संबंधों को और मजबूती भी मिलेगी। यह कदम प्रवासी समुदाय के कल्याण के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस पहल के जरिए मोदी सरकार प्रवासी भारतीयों को भारत के विकास यात्रा में सक्रिय भागीदार बनाना चाहती है, जिससे न केवल सांस्कृतिक बल्कि आर्थिक रिश्ते भी मजबूत हो सकें।
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