सहकारिता क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन, मोदी-शाह की रणनीतियों से हर गांव तक पहुंचेगी PACS

प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में 2 लाख नई PACS स्थापित करने की योजना से सहकारिता क्षेत्र में परिवर्तन आएगा। किसानों को मिलेंगे सस्ते ऋण, नई तकनीक से पारदर्शिता बढ़ेगी, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

दिसंबर 26, 2024 - 16:33
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सहकारिता क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन, मोदी-शाह की रणनीतियों से हर गांव तक पहुंचेगी PACS

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की संयुक्त पहल के तहत सहकारिता क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10,000 नवनिर्मित प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) का उद्घाटन किया, जो देश के ग्रामीण इलाकों में सहकारिता को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम है। यह कदम प्रधानमंत्री मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र को आगे बढ़ाने का हिस्सा है, जिसके तहत हर गांव तक PACS की पहुंच सुनिश्चित करने का लक्ष्य है।

PACS का विस्तार और नई योजनाएं

भारत में सहकारिता क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए मोदी सरकार ने 2 लाख नए PACS बनाने का लक्ष्य तय किया है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए NABARD, NDDB और NFDB जैसी संस्थाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे न केवल सहकारिता ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि किसानों और ग्रामीण आबादी को भी सीधे लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि सहकारिता के जरिए देश के ग्रामीण इलाकों में आर्थिक सुधार संभव है, और यह सहकारिता के हर पहलू को मजबूत करने के लिए कई पहल की जा रही हैं।

सहकारिता मंत्रालय के मार्गदर्शन में सुधार

प्रधानमंत्री मोदी ने 75 वर्षों में पहली बार एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया था, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देशभर में प्रभावी रूप से संचालित किया जा रहा है। सहकारिता क्षेत्र में ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को लागू करने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं, ताकि किसानों और अन्य ग्रामीण व्यक्तियों को बिना किसी परेशानी के वित्तीय सहायता मिल सके। अमित शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता आंदोलन को एक नई दिशा मिली है, जिससे देशभर के लाखों लोग आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।

पैक्स को बहुआयामी बनाना और डिजिटल परिवर्तन

नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को बहुआयामी बनाया जा रहा है, ताकि इन समितियों का कार्य क्षेत्र केवल ऋण तक सीमित न रहे। इन्हें अब खाद, उर्वरक, भंडारण, गैस, जल वितरण जैसी सेवाओं से भी जोड़ा जा रहा है। इससे किसानों को समग्र रूप से मदद मिलेगी। इसके अलावा, नई तकनीकों और कंप्यूटराइजेशन के जरिए पारदर्शिता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे किसानों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।

किसानों के लिए वित्तीय सुविधाएं और तकनीकी सुधार

प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की रणनीतियों के तहत किसानों को कम खर्च पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए RuPay Kisan Credit Card और माइक्रो-ATM का वितरण शुरू किया गया है। आने वाले समय में सभी प्राथमिक डेयरियों को माइक्रो-ATM से सुसज्जित किया जाएगा, जिससे किसानों को त्वरित और सुविधाजनक ऋण मिलेगा। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि सहकारी समितियों में काम करने वाले युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

PACS की सफलता से वैश्विक बाजार में पहुंच

अब तक 11,695 नई प्राथमिक सहकारी समितियों का पंजीकरण किया जा चुका है, जो एक बड़ी सफलता है। सरकार की योजना है कि अगले पांच वर्षों में दो लाख नए PACS बनाए जाएं, जिससे किसानों की उपज को वैश्विक बाजार में पहुंचाना और भी सरल हो जाएगा। सरकार ने नए मॉडल बायलॉज को अपनाया है और PACS के माध्यम से किसानों के उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

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