महाकुंभ भगदड़ पर सरकार से माफी की मांग, सांसद उज्जवल रमण सिंह ने उठाया लोकसभा में मुद्दा

प्रयागराज सांसद उज्जवल रमण सिंह ने लोकसभा में महाकुंभ 2025 में भगदड़ पर सरकार को घेरा, सुरक्षा व्यवस्था की खामियों पर उठाए सवाल।

फ़रवरी 3, 2025 - 22:27
 0  9
महाकुंभ भगदड़ पर सरकार से माफी की मांग, सांसद उज्जवल रमण सिंह ने उठाया लोकसभा में मुद्दा

प्रयागराज: लोकसभा में प्रयागराज सांसद उज्जवल रमण सिंह ने महाकुंभ 2025 के दौरान हुई भगदड़ पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार से जनता से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने महाकुंभ को इवेंट बनाकर राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास किया, लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती गई, जिसके कारण सैकड़ों मासूमों की जान चली गई और हजारों लोग बिछड़ गए।

सांसद ने उठाए गंभीर सवाल
सांसद ने कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजन में सरकार का कर्तव्य होता है कि वह हर छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान रखे, लेकिन इस बार प्रचार-प्रसार पर जोर दिया गया और व्यवस्थाओं को राम भरोसे छोड़ दिया गया। उन्होंने तीन स्थानों पर भगदड़ की मुख्य वजहें बताते हुए कहा:

पलाटून पुल का बंद होना – इस कारण भीड़ नियंत्रित नहीं हो सकी, जिससे श्रद्धालु संगम नोज पर इकट्ठा हो गए। 20-20 किलोमीटर पैदल यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोई विश्रामालय, शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी, जिससे थकान और अफरातफरी मची।

वीवीआईपी मूवमेंट – आस्था के महाकुंभ को इवेंट में बदलने और राजनीतिक लाभ लेने के चक्कर में व्यवस्थाएं चरमरा गईं, जिससे आम श्रद्धालु भगदड़ के शिकार हो गए।

महाकुंभ में भ्रष्टाचार के आरोप
सांसद उज्जवल रमण सिंह ने महाकुंभ की तैयारियों में भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 300 करोड़ की साल की लकड़ी (जिससे पुल बनाए जाते हैं) हमेशा सरकार से सीधे ऑर्डर की जाती थी, लेकिन इस बार प्राइवेट फर्म को ठेका दिया गया, जिससे समय पर सप्लाई नहीं हुई और घटिया क्वालिटी के स्लीपर इस्तेमाल किए गए।

उन्होंने सवाल उठाया कि इतने भारी भरकम बजट के बावजूद सड़कें तक ठीक से नहीं बनीं, जबकि कागजों में सब कुछ पूर्ण दिखा दिया गया। उन्होंने हाई-लेवल जांच की मांग की और कहा कि जानबूझकर काम को देर से पूरा किया गया ताकि लीपापोती की जा सके।

"गरीबों की मौत का कोई मोल नहीं?"
सांसद ने सरकार की संवेदनहीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि भगदड़ में कोई वीवीआईपी या पूंजीपति नहीं मरा, बल्कि गरीब और किसान परिवारों के लोग कुचले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को गरीबों की जान की कोई परवाह नहीं, और उनकी मौत को मोक्ष प्राप्ति का नाम देकर नजरअंदाज किया जा रहा है।

क्या सरकार लेगी जिम्मेदारी?
सांसद उज्जवल रमण सिंह ने लोकसभा में सरकार से माफी की मांग करते हुए कहा कि यह सरकार की अदूरदर्शिता और प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने मांग की कि महाकुंभ में हुई भगदड़ की निष्पक्ष जांच हो और पीड़ित परिवारों को न्याय मिले।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow