महाकुंभ 2025: आस्था, संस्कृति और ईश्वर की कृपा का भव्य संगम – मनसुख मांडविया
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने महाकुंभ में स्नान कर इसे ईश्वर की कृपा बताया और आयोजन की भव्यता की सराहना की।

महाकुंभ नगर। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया सोमवार को परिवार सहित त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने प्रयागराज पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने अपनी श्रद्धा और भावना व्यक्त करते हुए कहा कि महाकुंभ ईश्वर की कृपा से संपन्न हो रहा है, और यह आयोजन भारत की सनातन संस्कृति और आस्था का भव्य प्रतीक है।
"महाकुंभ सनातन परंपरा और आस्था का महान पर्व"
संगम में स्नान के बाद मनसुख मांडविया ने कहा,
"महाकुंभ में पवित्र स्नान करना हर श्रद्धालु के लिए आस्था और भक्ति का प्रतीक है। यह हमारी सनातन परंपरा से जुड़ा एक महान पर्व है, जहां करोड़ों लोग पुण्य अर्जित करने के लिए एकत्रित होते हैं।"
उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह आध्यात्मिकता, भक्ति और मानवता का अद्वितीय संगम है। यहाँ हर व्यक्ति सनातन संस्कृति की दिव्यता और भारतीय परंपरा की महान विरासत का अनुभव करता है।
"ईश्वर की कृपा से सफल हो रहा महाकुंभ"
मनसुख मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह आयोजन अभूतपूर्व भव्यता और सुव्यवस्थित प्रबंधन के साथ संपन्न हो रहा है।
"जो भी महाकुंभ के बारे में कहे, लेकिन यह आयोजन पूरी तरह ईश्वर की कृपा से संपन्न हो रहा है। पीएम मोदी और सीएम योगी पर ईश्वर की विशेष कृपा है, और उनके मार्गदर्शन में प्रतिदिन करोड़ों श्रद्धालु सुगमता से स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।"
महाकुंभ 2025: भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान
केंद्रीय मंत्री ने महाकुंभ को भारत की आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का संदेश वाहक बताते हुए कहा कि यह आयोजन विश्वभर में भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है।
"महाकुंभ भारत की धार्मिक आस्था, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत को एक मंच पर लाने वाला महायज्ञ है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु केवल स्नान नहीं करते, बल्कि सनातन संस्कृति की जड़ों को महसूस करते हैं।"
महाकुंभ 2025 निस्संदेह ईश्वर की कृपा, सेवा और समर्पण का अनुपम संगम है, जो भारत की धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महानता को दर्शाता है।
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