दिव्य ज्योति वेद मंदिर का नाम एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज
महाकुंभ 2025 में दिव्य ज्योति वेद मंदिर ने 33 दिन तक लगातार 11,151 बार रुद्री संहिता पाठ कर एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान बनाया।

महाकुंभनगर। महाकुंभ 2025 में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के दिव्य ज्योति वेद मंदिर ने वैदिक मंत्रोच्चार का इतिहास रच दिया। संस्थान का नाम एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है। यह सबसे लंबे और निरंतर रुद्री पाठ (Largest Rudri Path Relay by Vedic Scholars) का रिकॉर्ड है, जिसमें 33 दिन-रात लगातार रुद्री संहिता का 11,151 बार पाठ किया गया।
ऐसे बना ऐतिहासिक रिकॉर्ड
???? 14 जनवरी 2025, प्रातः 3:00 बजे से यह पाठ प्रारंभ हुआ और 16 फरवरी 2025, प्रातः 4:00 बजे समाप्त हुआ।
???? 566 ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों ने शुक्ल यजुर्वेद से रुद्राष्टाध्यायी संहिता (रुद्री पाठ) का उच्चारण किया।
???? कुल 26,42,409 मंत्रों का जाप हुआ, जो 794 घंटे तक नॉन-स्टॉप चला।
???? सभी वेदपाठी दिव्य गुरु आशुतोष महाराज जी के शिष्य-शिष्याएं थे, जो देश-विदेश से महाकुंभ के सेक्टर 9 स्थित शिविर में शामिल हुए।
एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज
एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के निर्णायक प्रमिल द्विवेदी ने संस्थान के अध्यक्ष स्वामी आदित्यानंद जी और सचिव स्वामी नरेंद्रानंद जी को रिकॉर्ड प्रमाण पत्र प्रदान किया।
प्रमिल द्विवेदी ने कहा,
???? "संस्थान द्वारा किया गया वैदिक मंत्रोच्चार का यह प्रयास सराहनीय है। यह भारतीय वैदिक संस्कृति को संरक्षित और प्रसारित करने में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।"
संस्थान का उद्देश्य वैदिक संस्कृति का प्रचार
दिव्य ज्योति वेद मंदिर की इंचार्ज साध्वी दीपा भारती जी ने कहा,
???? "यह रिकॉर्ड सिर्फ़ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि वेदों के शुद्ध उच्चारण और आध्यात्मिकता को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम है। हमारा लक्ष्य प्रत्येक हृदय में शांति और एकता की भावना जगाना है।"
महाकुंभ 2025 में आध्यात्मिक जागरण की अनूठी पहल
महाकुंभ 2025 में यह आयोजन भारतीय आध्यात्मिकता और संस्कृति के महत्व को वैश्विक स्तर पर उजागर करता है। यह रिकॉर्ड सदियों पुरानी वैदिक परंपरा के प्रचार और जनकल्याण को समर्पित एक ऐतिहासिक प्रयास है।
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