हरित महाकुंभ के लिए जल कलश पहल: 20,000 प्लास्टिक बोतलें एकत्रित
महाकुंभ 2025 में जल कलश पहल के तहत 20,000 प्लास्टिक बोतलें एकत्र कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

महाकुंभ नगर। महाकुंभ 2025 में पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई अभिनव पहलें की गई हैं, जिनमें जल कलश पहल विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यह पहल अरैल घाट सेक्टर 24, निषाद राज मार्ग पर स्थापित की गई है, जहां महाकुंभ क्षेत्र में उपयोग की गई पानी की प्लास्टिक बोतलों को एकत्र कर पुनः उपयोग में लाने की योजना बनाई गई है। अब तक 20,000 से अधिक प्लास्टिक की बोतलें संग्रहित की जा चुकी हैं, जिन्हें रिसाइकल कर पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में योगदान दिया जाएगा।
इस पहल की शुरुआत नमामि गंगे मिशन के पूर्व महानिदेशक अशोक कुमार के नेतृत्व में की गई है। एचसीएल फाउंडेशन और डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स के सहयोग से 1 से 20 फरवरी तक चलने वाले इस 20-दिवसीय अभियान में आदर्श सेवा समिति और मंगल भूमि फाउंडेशन भी योगदान दे रही हैं।
अशोक कुमार ने कहा, "महाकुंभ को हरित महाकुंभ बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है। प्लास्टिक गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए सबसे बड़ी बाधा है, और जल कलश के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि इसे गंगा क्षेत्र में जाने से रोकना होगा।"
पर्यावरण कार्यकर्ता रामबाबू तिवारी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि जैसे "एक थाली, एक थैला" अभियान के माध्यम से गंगा में कचरा फेंकने से रोका गया, वैसे ही जल कलश पहल भी गंगा को प्लास्टिक प्रदूषण से बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
इस अभियान में मीरा देवी, अरुण कुमार, राज, ऋषिका, यशी, सतीश समेत कई स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस पहल के माध्यम से महाकुंभ को हरित और स्वच्छ बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जो एक मिसाल बन सकता है।
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