महाकुंभ 2025: सनातन संस्कृति का महापर्व, प्रयागराज पूरी तरह तैयार
महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज पूरी तरह तैयार है, संगम स्नान और कल्पवासियों के स्वागत के लिए प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं।
प्रयागराज : महाकुंभ 2025 के प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा (13 जनवरी 2025) के लिए श्रद्धालुओं और कल्पवासियों का आगमन प्रारंभ हो चुका है। भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक यह महाकुंभ पर्व प्रयागराज में भव्यता के साथ मनाया जाएगा, जहाँ श्रद्धालु संगम में स्नान करने और धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए एकत्र होंगे।
महाकुंभ को यूनेस्को द्वारा "मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर" के रूप में मान्यता प्राप्त है, और यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समागम है। प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के किनारे 4000 हेक्टेयर में विस्तारित मेला क्षेत्र अब 800 हेक्टेयर अधिक विकसित किया गया है। यहाँ श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 25 सेक्टरों में बांटा गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रशासन ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं को मजबूत किया है। महाकुंभनगर जनपद का गठन करके मेले को व्यवस्थित और सुचारु बनाने का महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालुओं के संगम स्नान के लिए पहुंचने की उम्मीद है। श्रद्धालु और कल्पवासी संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाएंगे। राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा है, जिसमें टेंट, बिजली, पानी, शौचालय और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। महाकुंभ का यह आयोजन सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक गौरव का अद्वितीय प्रतीक बनेगा।
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