राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारी जोरों पर, यूटीआरसी बैठक में न्याय तक पहुंच आसान बनाने पर जोर

अम्बेडकरनगर में राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता हेतु यूटीआरसी बैठक, मध्यस्थता व लीगल एड पर विशेष निर्देश।

अप्रैल 8, 2025 - 22:01
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राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारी जोरों पर, यूटीआरसी बैठक में न्याय तक पहुंच आसान बनाने पर जोर
राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारी जोरों पर, यूटीआरसी बैठक में न्याय तक पहुंच आसान बनाने पर जोर

अम्बेडकरनगर। आगामी 10 मई 2025 (शनिवार) को जनपद न्यायालय अम्बेडकरनगर में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की सफल आयोजन की दिशा में तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। इसी कड़ी में दिनांक 08 अप्रैल 2025 को एडीआर भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, विशेष न्यायाधीश व सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने की।

बैठक का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों का निस्तारण सुनिश्चित करना और यूटीआरसी (Under Trial Review Committee) के अंतर्गत सिद्धदोष बंदियों की रिहाई के लिए प्रभावी रणनीति बनाना था।

बैठक में मध्यस्थता केन्द्र में कार्यरत प्रमुख अधिवक्ताओं — टी.एन. पाण्डेय, सुमन गौड़, हरगोविन्द यादव, राम, प्रमोद कुमार सिंह और चन्द्र भूषण वर्मा सहित अन्य गणमान्य अधिवक्ता उपस्थित रहे। सभी को यह निर्देशित किया गया कि वे सुलह-समझौते हेतु आने वाली पत्रावलियों का त्वरित व न्यायसंगत निस्तारण सुनिश्चित करें।

बैठक में यूटीआरसी से जुड़ी चर्चा के दौरान लीगल एड डिफेंस काउंसिल के प्रमुख अधिवक्ता श्री रमेश राम त्रिपाठी (चीफ), राजेश कुमार तिवारी (डिप्टी चीफ), और शरद पाण्डेय (असिस्टेंट) भी उपस्थित थे। इन अधिवक्ताओं को निर्देशित किया गया कि वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा निर्धारित 16 बिंदुओं के आधार पर बंदियों की समीक्षा करें और पात्र व्यक्तियों को शीघ्र न्याय व रिहाई दिलाने की प्रक्रिया को गति दें।

बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि लोक अदालत में लम्बित विवादों का आपसी सुलह से समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता ने कहा कि “राष्ट्रीय लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहां आमजन न्याय को सरल और सुलभ रूप में प्राप्त कर सकते हैं। इसकी सफलता तभी संभव है जब अधिवक्ता, न्यायिक अधिकारी और संबंधित संस्थाएं समन्वय के साथ कार्य करें।”

उक्त बैठक में भाग लेने वाले सभी अधिवक्ताओं को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया कि वे सुलह प्रक्रिया को प्राथमिकता दें तथा जनहित को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक लाभार्थियों को विधिक सहायता का लाभ पहुंचाएं।

यह आयोजन जन सामान्य को त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में एक और अहम प्रयास है, जो न्याय प्रणाली में विश्वास को और सुदृढ़ करेगा।

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