महाकुंभ में गंगा-यमुना की सफाई तेज, ट्रैश स्कीमर रोज निकाल रहा 15 टन कचरा
महाकुंभ में गंगा-यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए ट्रैश स्कीमर मशीनें रोज 10-15 टन कचरा निकाल रही हैं, जिससे संगम क्षेत्र स्वच्छ और निर्मल बना रहे।

महाकुंभ नगर। महाकुंभ में गंगा-यमुना को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अत्यधिक सक्रिय है। श्रद्धालु जब संगम में स्नान करें, तो उन्हें स्वच्छ जल प्राप्त हो, इसके लिए प्रयागराज नगर निगम अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग कर रहा है। ट्रैश स्कीमर मशीनें हर दिन गंगा-यमुना से 10-15 टन कचरा निकाल रही हैं, जिससे संगम क्षेत्र का जल निर्मल बना रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को साकार करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने इस सफाई अभियान को चार साल पहले शुरू किया था। शुरुआत में एक ट्रैश स्कीमर मशीन से करीब 50-60 क्विंटल कचरा प्रतिदिन निकाला जाता था। सफाई की प्रभावशीलता को देखते हुए दो साल पहले एक और मशीन लगाई गई, जिससे नदियों की सफाई दोगुनी गति से होने लगी।
कैसे काम करती है ट्रैश स्कीमर मशीन?
यह मशीन पानी की सतह पर तैर रहे कचरे को इकट्ठा करती है और प्लास्टिक, बोतलें, धार्मिक कचरा, कपड़े, धातु की वस्तुएं, पूजा अपशिष्ट, मृत पशु और जलकुंभी जैसी गंदगी को साफ करती है। प्रत्येक मशीन की क्षमता 13 क्यूबिक मीटर है और ये चार किमी तक के क्षेत्र में सफाई कर सकती हैं। संगम क्षेत्र से लेकर बोट क्लब तक सफाई कार्य इन मशीनों के माध्यम से किया जा रहा है।
संगम क्षेत्र में सफाई की बढ़ती जरूरत
महाकुंभ के दौरान बढ़ती भीड़ के कारण नदियों में कचरे की मात्रा भी तेजी से बढ़ रही है। अधिकारियों के अनुसार, आयोजन शुरू होने के बाद मशीनों द्वारा कचरा इकट्ठा करने की दर में 20 गुना तक वृद्धि हुई है। इन मशीनों के हाइड्रॉलिक गेट पानी में तैरते कचरे को फंसाकर कन्वेयर बेल्ट पर स्थानांतरित कर देते हैं, जिससे इसे आसानी से बाहर निकाला जा सकता है।
कचरे का निस्तारण कैसे होता है?
मशीन से निकाले गए कचरे को प्रयागराज के नैनी क्षेत्र में एक डंपिंग साइट पर ले जाया जाता है, जहां से इसे बसवार स्थित प्लांट में भेजा जाता है। प्लास्टिक सामग्री को रिसाइकिल किया जाता है, जबकि अन्य उपयोगी सामग्री खाद बनाने के लिए उपयोग में लाई जाती है।
मुंबई से मंगाई गई इन ट्रैश स्कीमर मशीनों का संचालन पांच वर्षों के लिए संबंधित कंपनी को सौंपा गया है। नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, महाकुंभ के दौरान इन मशीनों की मदद से संगम क्षेत्र की सफाई को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे श्रद्धालु स्वच्छता के संदेश को आत्मसात कर सकें।
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