किसानों का भू माफिया के खिलाफ सोलह दिन से जारी धरना, प्रशासन की खामोशी पर सवाल
प्रयागराज के बारा तहसील के अभयपुर गांव में भू माफिया के खिलाफ किसानों का धरना सोलह दिन से जारी है। किसानों की मांग है कि जब तक भू माफिया पर कानूनी कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। धरने में किसानों की आवाज़ शासन तक पहुँचाने की कोशिशें हो रही हैं।
जैनुल आब्दीन
प्रयागराज: प्रयागराज के बारा तहसील अंतर्गत अभयपुर गांव में भू माफिया के खिलाफ किसानों का आंदोलन सोलह दिन से लगातार जारी है। किसान अपनी भूमि को कब्जाने वाले भू माफिया के खिलाफ उच्च न्यायालय में मुकदमा लड़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने के कारण किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
किसान राम शिया कोल और राम सहाय कोल ने बताया कि उनका गांव का ही भू माफिया ने गलत तरीके से कब्जा कर लिया है। 2 साल पहले उनकी ज़मीन को एमजी रियलकॉन कंपनी ने कब्जा किया, और साथ ही जमीन पर 200 से अधिक प्लॉट भी बेच दिए। किसान उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं, जहाँ न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि जब तक वाद लंबित है, भूमि का स्वरूप नहीं बदला जाना चाहिए।
किसानों का कहना है कि वे पहले अपनी ज़मीन पर खेती-बाड़ी करते हुए अपनी आजीविका चला रहे थे, लेकिन भू माफिया ने गलत तरीके से कब्जा कर लिया। उन्होंने तहसील प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन आज तक भू माफिया के खिलाफ कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है।
किसानों की यह भी शिकायत है कि कई राजनेताओं और पत्रकारों ने उनके संघर्ष को नजरअंदाज किया है, जबकि वे इस समस्या से जूझ रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन प्रयाग द्वारा किसानों की आवाज़ शासन तक पहुँचाने की लगातार कोशिश की जा रही है, लेकिन भू माफिया के दबाव के चलते यह आवाज़ अब तक गूंगी हो गई है।
किसान राम सहाय कोल का कहना है, "जब तक भू माफिया पर उचित कार्रवाई नहीं होती, हम अपना धरना जारी रखेंगे। हमारी ज़मीन पर हक हम नहीं छोड़ेंगे।" सोलह दिनों से चल रहे इस धरने ने यह साफ कर दिया है कि प्रशासन को इस समस्या की गंभीरता समझनी होगी और किसानों के अधिकारों का सम्मान करते हुए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
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