कर्पूरी ठाकुर के विचार और शिक्षा से प्रेरणा लेकर समाज के उत्थान में भागीदार बनें
जन नायक कर्पूरी ठाकुर के समाजवादी विचार और शिक्षा आज भी प्रासंगिक हैं, हमें उनके सिद्धांतों से प्रेरणा लेकर समाज सेवा करनी चाहिए।

जैनुल आब्दीन
प्रयागराज। महान स्वतंत्रता सेनानी, समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जन नायक कर्पूरी ठाकुर का जीवन सामाजिक न्याय और समानता का प्रतीक था। उनके विचार और नीतियां आज भी समाज के उत्थान के लिए उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उनके कार्यकाल के दौरान थीं। बाबूगंज बाजार में आयोजित एक कार्यक्रम में वक्ताओं ने कर्पूरी ठाकुर के विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल दिया।
समाज के सभी वर्गों को एक मंच पर लाने वाले नेता
कर्पूरी ठाकुर जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर समाज के हर वर्ग के विकास के लिए समर्पित थे। उन्होंने अपने जीवन में गरीबों, किसानों, मजदूरों और वंचितों के उत्थान के लिए कई योजनाएं लागू कीं। उनके नेतृत्व में समाज के सबसे पिछड़े तबकों को न्याय मिला और वे सम्मानजनक जीवन जीने के योग्य बने।
गरीबों और वंचितों के लिए संघर्ष
अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान कर्पूरी ठाकुर ने समाजवादी नीतियों को बढ़ावा दिया और शिक्षा एवं रोजगार के क्षेत्र में ऐतिहासिक फैसले लिए। उन्होंने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने का साहसिक निर्णय लिया, जिससे समाज में समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा। उनका यह निर्णय सामाजिक न्याय की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ।
शिक्षा और नैतिक मूल्यों पर जोर
कर्पूरी ठाकुर का मानना था कि शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का सबसे सशक्त साधन है। उन्होंने गरीब और वंचित वर्गों को शिक्षा से जोड़ने के लिए कई प्रयास किए। उनके अनुसार, जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति को शिक्षा नहीं मिलेगी, तब तक समग्र विकास संभव नहीं है।
आज के दौर में उनकी विचारधारा की प्रासंगिकता
आज जब समाज विभिन्न सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, तब कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा और उनके सिद्धांत हमें सही दिशा दिखाने का कार्य कर सकते हैं। उनका जीवन हमें यह प्रेरणा देता है कि बिना किसी भेदभाव के सभी को समान अवसर मिलें और समाज में समरसता बनी रहे।
इस अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं—देवराज उपाध्याय, आशुतोष शुक्ला, तहजीबुल हसन, मोहम्मद यूसुफ, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद तौफीक, मोहम्मद आफताब, हरिराम यादव, रंजीत कुमार यादव, मोहम्मद दानिश, मोहम्मद आदिल और जीत लाल यादव—ने कर्पूरी ठाकुर की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाने और समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।
जन नायक कर्पूरी ठाकुर का जीवन संघर्ष, साहस और समाज सेवा का प्रतीक है। हमें उनके विचारों से प्रेरणा लेकर एक समतामूलक समाज के निर्माण में भागीदारी करनी चाहिए।
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