प्रभु यीशु के बलिदान को समर्पित विशेष प्रार्थना, न्यू इंडिया चर्च ऑफ गॉड में गुड फ्राइडे पर भक्त हुए भावविभोर

गुड फ्राइडे पर कानपुर के न्यू इंडिया चर्च में यीशु के बलिदान को श्रद्धापूर्वक याद कर विशेष प्रार्थना हुई

अप्रैल 18, 2025 - 21:31
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प्रभु यीशु के बलिदान को समर्पित विशेष प्रार्थना, न्यू इंडिया चर्च ऑफ गॉड में गुड फ्राइडे पर भक्त हुए भावविभोर
न्यू इंडिया चर्च ऑफ गॉड में गुड फ्राइडे पर भक्त हुए भावविभोर

(संजय शुक्ला)

कानपुर। गुड फ्राइडे के पावन अवसर पर कल्याणपुर के केशवपुरम स्थित न्यू इंडिया चर्च ऑफ गॉड में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने प्रभु यीशु मसीह के बलिदान को याद करते हुए प्रार्थनाएं कीं और भक्ति गीतों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

पादरी राकेश मैसी ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि गुड फ्राइडे वह दिन है जब प्रभु यीशु मसीह को मानवता के पापों के लिए क्रूस पर चढ़ाया गया। यह दिन न केवल बलिदान का प्रतीक है, बल्कि यह प्रेम, क्षमा और उद्धार का भी संदेश देता है। पादरी ने कहा कि प्रभु यीशु ने अपनी अंतिम सांस तक मानव जाति को क्षमा और सेवा का उपदेश दिया।

उन्होंने बताया कि क्रूस पर चढ़ाए जाने के तीन दिन बाद यीशु मसीह पुनर्जीवित हुए, जिसे ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है। वहीं गुड फ्राइडे उनके बलिदान की याद में श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से प्रभु को स्मरण करते हुए सफेद वस्त्र धारण कर शांति और श्रद्धा के साथ प्रार्थना की जाती है।

सभा में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने हाथ उठाकर भक्ति गीतों के माध्यम से प्रभु की स्तुति की और उनके उपदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लिया। चर्च परिसर में गूंजते भक्ति गीतों ने सभी को आत्मिक रूप से जोड़ दिया।

पादरी राकेश मैसी ने यह भी कहा कि प्रभु यीशु का संदेश समाज के हर वर्ग को जोड़ने और उनके कल्याण की ओर प्रेरित करने वाला है। हमें चाहिए कि हम उनके दिखाए मार्ग को अपनाते हुए शांति, प्रेम और सेवा का जीवन जीएं।

इस अवसर पर चर्च के प्रमुख सदस्य रॉयल मैसी, अमित अजय, पादरी रोहन मैसी, रवि, स्टेला, स्वामी प्रकाश सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गुड फ्राइडे पर आयोजित यह आराधना सभा न केवल एक धार्मिक परंपरा थी, बल्कि यह मानवता के प्रति प्रेम और समर्पण का जीवंत उदाहरण भी बनी। यह आयोजन श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति और प्रभु के करीब लाने में सफल रहा।

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