जानकीपुरम विस्तार की जनता अधूरे विकास कार्य को लेकर आक्रोशित
शुभम कश्यप लखनऊ। जानकीपुरम विस्तार में जनसुविधाओं का बुरा हाल होता जा रहा है। जनता द्वारा बार बार शिकायत करने पर भी कोई समाधान नहीं हो रहा है, परिणामस्वरूप क्षेत्रीय जनता में प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
वहीं क्षेत्र की लक्ष्य जनकल्याण समिति के अध्यक्ष एस.के. बाजपेई ने इन समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर चेतावनी देते हुये कहा है कि यदि चुनाव तक क्षेत्रीय विकास की व्यवस्थाएं सही नहीं हुई तो क्षेत्रीय निवासी क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान के लिए जन आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
क्षेत्र की समस्याओं को समिति का कहना है कि जानकीपुरम विस्तार में अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि सेक्टर 6 में मार्ग प्रकाश व्यवस्था के लिए लगे हैलोजन भी कर्मचारियों की मिली भगत से गायब हो रहे हैं, जिसको लगाने में नगर निगम अपने आप को असमर्थ बताता है। इसके अलावा खाली पड़े प्लांट और सड़क के किनारे पड़े कूड़े के ढेर क्षेत्र की सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं, नाली के पानी की निकलने की व्यवस्था ना होने पर नाली का पानी सीवर लाइन में डाल कर जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी पूर्ण कर रहे हैं और जब सीवर ओवरफ्लो होता है तो फिर सीवर का पानी बदबूदार होकर सड़क पर आ जाता है जिससे स्थानीय निवासियों का न केवल जीना मुश्किल हो जाता है वरन निकलने वाले राहगीरों का भी निकलना मुश्किल हो जाता है और हर वक्त बीमारी फैलने का खतरा अलग बना रहता है।
समस्याओं के निराकरण को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से जब शिकायत की जाती है तब वह क्षेत्रीय नागरिकों पर नाली को अपनी स्लैब बनाकर ढकने का आरोप लगाकर समस्याओं से बचने की कोषिष करते है। जबकि सेक्टर 6 स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के पीछे जितनी भी नालियां है, सब खुली हुई हैं वहां कोई मकान नहीं है फिर भी उनके ऊपर भरपूर कूड़ा और गंदगी भरमार है, जिसकी सफाई न कर गंदगी का जिम्मेदार स्थानीय निवासियों को बना दिया जाता है। जबकि वेतन अधिकारी ले रहे हैं और ठेकेदार ठेका लेकर कमा रहे हैं। तो जिम्मेदारी किसकी बनती है? \
उस आम आदमी की जो सुबह अपने परिवार की व्यवस्था को चलाने के लिए अपने घर से निकलता है और देर सवेर घर पहुंचता है। उससे आप उम्मीद करते हैं कि वह अपनी सारी जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ नगर निगम और संबंधित विभागों की भी जिम्मेदारी का निर्वहन करें! ऐसा संभव नहीं है, नागरिकों द्वारा जो भी सहयोग विभागों का शासन प्रशासन का किया जाता है यह इनकी जागरूकता का ही परिणाम है उनकी जिम्मेदारी नहीं।
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