भारत की सहायता से म्यांमार में साहित्यिक केंद्र का भूमिपूजन
यंगून। भारत की वित्तीय सहायता से म्यांमार में निर्मित हो रहे साहित्यिक केंद्र के लिए भूमिपूजन समारोह आयोजित किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में म्यांमार में भारत के राजदूत अभय ठाकुर ने भी शिरकत की।
दूतावास के एक अन्य बयान के अनुसार, यंगून में परियोजना स्थल पर तीन मंजिला सारसोबेइकमन भवन के निर्माण हेतु भूमिपूजन समारोह आयोजित किया गया। इस साहित्यिक केंद्र की परियोजना को भारत सरकार द्वारा 3.77 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता से पूरा किया जा रहा है। इस भूमिपूजन में म्यांमार के प्रधानमंत्री वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलिंग, केंद्रीय सूचना मंत्री यू माउंग माउंग ओह्न, राजदूत अभय ठाकुर और अन्य छह प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
यह साहित्यिक केंद्र म्यांमार और एशिया के साहित्य को प्रदर्शित करेगा। इसमें लेखकों, कलाकारों, नाटककारों, मूर्तिकारों और चित्रकारों के लिए एक गैलरी स्थापित की जाएगी, जिसमें बागान युग और औपनिवेशिक काल की ऐतिहासिक कलाकृतियाँ, ललित कलाएँ, पुस्तकें और फोटो संग्रह भी शामिल होंगे।
भारत अपनी 'पड़ोसी प्रथम' नीति के प्रति कटिबद्ध है और म्यांमार को शिक्षा, युवाओं के प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और सांस्कृतिक समृद्धि जैसे क्षेत्रों में लगातार समर्थन दे रहा है। हाल ही में, भारत ने 'ऑपरेशन सद्भाव' के तहत प्राकृतिक आपदा से प्रभावित म्यांमार के लिए 42 टन राहत सामग्री भेजी थी, जिसमें दवाइयाँ, स्वच्छता किट, अस्थायी आश्रय और जल शोधन आपूर्ति शामिल थीं।
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