भारत ने साओ टोमे और कैमरून को भेजी महत्वपूर्ण मानवीय सहायता, शिक्षा और खाद्यान्न में मदद

भारत ने साओ टोमे और कैमरून को शिक्षा और खाद्यान्न सहायता भेजी, जिससे स्थानीय समस्याओं का समाधान होगा।

अप्रैल 11, 2025 - 18:10
 0  14
भारत ने साओ टोमे और कैमरून को भेजी महत्वपूर्ण मानवीय सहायता, शिक्षा और खाद्यान्न में मदद
भारत ने साओ टोमे और कैमरून को भेजी महत्वपूर्ण मानवीय सहायता

नई दिल्ली। भारत ने अपनी वैश्विक भूमिका को मजबूत करते हुए अफ्रीकी देशों साओ टोमे और प्रिंसिपे तथा कैमरून के नागरिकों के लिए शिक्षा और खाद्यान्न के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहायता भेजी है। यह कदम भारत के ग्लोबल साउथ के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है, और इन देशों के विकास में योगदान देने के भारत के प्रयासों को उजागर करता है।

भारत ने 10 अप्रैल 2025 को साओ टोमे और प्रिंसिपे को 6 स्कूल बसें उपहार में दीं, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी मदद साबित होंगी। ये बसें, जो विशेष रूप से स्कूलों के बीच छात्रों के परिवहन के लिए उपयोग की जाएंगी, बच्चों को सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेंगी। इस सहायता के पीछे साओ टोमे और प्रिंसिपे सरकार का अनुरोध था, जिसमें उन्होंने भारत से स्कूली परिवहन को बेहतर बनाने के लिए मदद मांगी थी।

भारत सरकार का यह कदम न केवल साओ टोमे और प्रिंसिपे के शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने में मदद करेगा, बल्कि इसके जरिए वहां के स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों को सुरक्षित यात्रा का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त, यह कदम उन परिवारों के लिए भी लाभकारी होगा जो स्कूल भेजने के लिए बच्चों की यात्रा खर्चों को कम करने में सक्षम होंगे। भारतीय राजदूत दीपक मिगलानी ने साओ टोमे में आयोजित एक समारोह में इन बसों को शिक्षा, संस्कृति, विज्ञान और उच्च शिक्षा मंत्री इसाबेल मारिया कोरिया विएगास डी अब्रेउ को सौंपा।

इससे पहले, जनवरी 2025 में भारत सरकार ने साओ टोमे और प्रिंसिपे को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए जीवन रक्षक दवाइयों और चिकित्सा आपूर्ति की एक खेप भेजी थी। यह सहयोग न केवल इन देशों के शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार का एक हिस्सा है, बल्कि भारत की अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी और सहायक भूमिका को भी दर्शाता है।

वहीं, कैमरून को भी एक महत्वपूर्ण खाद्यान्न सहायता प्राप्त हुई है। भारत ने कैमरून के लिए 1000 मीट्रिक टन चावल की खेप भेजी है, जो खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगी। इस सहायता के जरिए भारत ने न केवल खाद्य संकट से जूझ रहे कैमरून के नागरिकों की मदद की है, बल्कि यह भी दिखाया है कि भारत वैश्विक सहयोग और मानवता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाता है।

भारत का यह कदम स्पष्ट करता है कि वह केवल विकासशील देशों के साथ अपनी साझेदारी को सुदृढ़ नहीं करता, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों और आवश्यक वस्त्रों की आपूर्ति भी सुनिश्चित करता है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत अपने मित्र देशों के साथ मजबूत और सतत संबंधों को प्रोत्साहित करता है और यह सहायता ग्लोबल साउथ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करती है।

कैमरून में चावल की खेप की आपूर्ति, वैश्विक खाद्य संकट के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह देश में खाद्यान्न की कमी को हल करने में मदद करेगी और लाखों लोगों को सुरक्षित और सस्ती खाद्य सामग्री प्राप्त होगी। भारत की यह सहायता, केवल आपूर्ति ही नहीं, बल्कि इन देशों में समाजिक और आर्थिक सुधारों को प्रोत्साहित करने का एक साधन भी बन सकती है।

भारत का यह कदम न केवल वैश्विक साउथ के देशों के लिए मदद का प्रतीक है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत की भूमिका को और सशक्त करता है। आने वाले समय में भारत का यह सहयोग और भी देशों में इस प्रकार की सहायता के रूप में देखा जा सकता है, जो विकासशील देशों के लिए स्थिरता और समृद्धि लाने में सहायक होगा।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow