आईएमए सीजीपी कानपुर: रिफ्रेशर कोर्स के दूसरे दिन विशेषज्ञों ने दिए सात ज्ञानवर्धक व्याख्यान
आईएमए सीजीपी कानपुर रिफ्रेशर कोर्स 2025 के दूसरे दिन सात चिकित्सकीय व्याख्यान आयोजित, विशेषज्ञों ने साझा की अहम जानकारियां।

(संजय शुक्ला)
प्रथम सत्र में डॉ. विशाल सिंह द्वारा डॉ. आर.के. शुक्ला ऑपरेशन ट्रॉमा एंड रेडियोलॉजी विषय पर प्रस्तुति दी गई, जिसका निर्देशन स्वयं डॉ. सिंह ने किया। दूसरे सत्र में आईएचबीएएस नई दिल्ली के डॉ. निमेश जी देसाई ने डिप्रेशन के इलाज से जुड़े पहलुओं पर प्रकाश डाला। सत्र की अध्यक्षता डॉ. धनंजय चौधरी और डॉ. मधुकर कटियार ने की, जबकि निदेशक डॉ. गणेश शंकर रहे।
तीसरे सत्र में डॉ. हरियॉन श्रीधरन ने मेल इनफर्टिलिटी और इरेक्टाइल डिसफंक्शन में ART (Assisted Reproductive Technology) की भूमिका पर विस्तार से बताया। इस सत्र की निदेशक डॉ. रीता मित्तल रहीं।
चौथे सत्र में डॉ. सुशील पी. (पारस अस्पताल) ने ARDS (Acute Respiratory Distress Syndrome) के नवीनतम निदान और प्रबंधन पर चर्चा की, जिसके निर्देशन में डॉ. मनोज अग्नि रहे।
पांचवें और छठवें सत्र में डॉ. आशीष मिश्र (लखनऊ) और डॉ. शिवेन्द्र वर्मा (SGPGI, लखनऊ) ने लीवर फेलियर के प्रबंधन और ट्रांसप्लांट प्रक्रिया में सर्जन की भूमिका पर दो दृष्टिकोणों से व्याख्यान प्रस्तुत किए। इन सत्रों के निदेशक क्रमशः डॉ. पीयूष मिश्रा और डॉ. नंदिनी रस्तोगी रहीं।
अंतिम सातवें सत्र में डॉ. वर्षा अंबानी (GSVM मेडिकल कॉलेज) ने ऑटोइम्यून इनसेफेलाइटिस के एक केस पर केंद्रित व्याख्यान दिया, जिसमें निदेशक डॉ. बी.पी. राठौड़ रहे।
इन व्याख्यानों में प्रमुख रूप से आईएमए सचिव डॉ. विकास मिश्रा, सहायक निदेशक डॉ. शालिनी मोहन, सहायक सचिव डॉ. एस.के. गौतम, वित्त सचिव डॉ. गणेश शंकर, वैज्ञानिक सचिव डॉ. कुणाल सहाय, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. अनीता गौतम, एवं मीडिया प्रभारी डॉ. गौरव मिश्रा सहित कई गणमान्य चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।
यह आयोजन चिकित्सकों के लिए ज्ञानवर्धन और आधुनिक उपचार पद्धतियों से अवगत कराने का एक प्रभावी मंच साबित हुआ।
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