रणधीर सिंह सुमन बने IAL के राज्य सचिव, सरदार भूपिन्दर पाल सिंह को मिली राज्य कार्यकारिणी में जगह
रणधीर सिंह सुमन IAL के राज्य सचिव नियुक्त, सरदार भूपिन्दर पाल सिंह को राज्य कार्यकारिणी में महत्वपूर्ण भूमिका मिली।

बाराबंकी। इडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स (IAL) की राज्य स्तरीय कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया गाजीपुर में आयोजित एक दिवसीय राज्य सम्मेलन में पूरी हुई। इस अवसर पर पूरे प्रदेश से अधिवक्ताओं ने भाग लिया और संगठन को मजबूत करने हेतु विचार साझा किए।
इस महत्वपूर्ण सम्मेलन के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के गोबिंद माथुर थे। साथ ही दिल्ली एवं पंजाब हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एस. चीमा, IAL के राष्ट्रीय अध्यक्ष वाई.एस. लोहित और दिल्ली स्टेट सचिव मनुमर्दल की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बनाया।
बाराबंकी जिले से अधिवक्ता सरदार भूपिन्दर पाल सिंह शैन्की, अभय प्रताप सिंह, श्याम सिंह और अलाउद्दीन ने भाग लिया। सम्मेलन में विचार-विमर्श के उपरांत राज्य कार्यकारिणी की घोषणा की गई जिसमें अनेक वरिष्ठ व उभरते हुए अधिवक्ताओं को स्थान मिला।
इस नवगठित कार्यकारिणी में तेजतर्रार अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन को राज्य सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे जिले के अधिवक्ताओं में उत्साह का माहौल है। कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी शिवानी मौर्या को दी गई है।
कार्यकारिणी में अन्य प्रमुख पदाधिकारी इस प्रकार हैं – अध्यक्ष वाई.एस. लोहित, उपाध्यक्ष शरद नन्दन ओझा, श्रीमती मंजू शास्त्री, राकेश राय और सुरेश चंद्र त्रिपाठी। महासचिव के रूप में परमात्मा प्रसाद सिंह और सुजीत कुमार को चुना गया, जबकि आयोजन सचिव की जिम्मेदारी अरुण कुमार सिंह को दी गई।
इसके अलावा सचिव मंडल में अंबिका प्रसाद, निर्भय प्रताप सिंह और दीनानाथ त्रिपाठी को शामिल किया गया है।
राज्य कार्यकारिणी सदस्यों में सरदार भूपिन्दर पाल सिंह के साथ हरि नारायण सिंह, नीतिश सिंह, सच्चिदानंद सिंह, प्रमोद कुमार साहनी, भारत सिंह पंकज, आलोकानंद साहनी, देवेंद्र दिवाकर, राजेश्वर, अखंड प्रताप सिंह, योगेश चंद्र, अवधेश कुमार सिंह, छाया गुप्ता, प्रांजल श्रीवास्तव, संजय सिंह, जितेन्द्र हरि पाण्डेय, मुज्जिमिल, बामदेव मिश्रा, विनोद कुमार मिश्रा, नीरज यादव, जीनत शेख, वीरेन्द्र त्रिपाठी और अरुण कुमार गौतम जैसे अधिवक्ताओं को शामिल किया गया।
यह सम्मेलन न केवल संगठन के विस्तार के लिए बल्कि न्यायिक व्यवस्था में अधिवक्ताओं की सक्रिय भूमिका को बढ़ाने के उद्देश्य से भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। रणधीर सिंह सुमन और सरदार भूपिन्दर पाल सिंह की नियुक्ति ने बाराबंकी जिले को संगठन में एक नई पहचान दी है।