भाषा: संस्कृतियों के बीच सेतु – प्रो. सत्यकाम

प्रयागराज में राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिंदी के विकास में भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी भाषाओं के योगदान पर मंथन हुआ।

मार्च 20, 2025 - 20:31
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भाषा: संस्कृतियों के बीच सेतु – प्रो. सत्यकाम
भाषा: संस्कृतियों के बीच सेतु – प्रो. सत्यकाम

जैनुल आब्दीन

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में हिंदी के विकास में भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी भाषा के योगदान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्यकाम ने की, जिन्होंने कहा कि भाषा विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ने का काम करती है और इसे बांटने की कोशिश किसी भी भाषा और संस्कृति के लिए हानिकारक हो सकती है।

प्रो. सत्यकाम ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने के कदम को हिंदी और अन्य भाषाओं के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने भाषाओं के सरलीकरण की जरूरत पर भी जोर दिया, जिससे संचार अधिक प्रभावी हो सके।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि, संस्कृत विद्वान प्रो. हरिदत्त शर्मा ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है और यह क्षेत्रीय भाषाओं को आपस में जोड़ने का कार्य करती है। उन्होंने बताया कि लोकजीवन और ऋतुओं के अनुरूप भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेली में सुंदर लोकगीत गाए जाते हैं।

सरस्वती पत्रिका के संपादक रवि नंदन सिंह ने कहा कि कोई भी भाषा तब तक सशक्त नहीं हो सकती जब तक वह स्थानीय बोलियों को समाहित न करे। उन्होंने बताया कि हिंदी भी अवधी, भोजपुरी, ब्रजभाषा और बुंदेली जैसी बोलियों के समावेश से ही एक समृद्ध भाषा बनी है।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. प्रभाकर सिंह ने कहा कि भाषा और लोकजीवन का गहरा संबंध है। उन्होंने इस संदर्भ में लोकसंगीत की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया।

कार्यक्रम में श्रेयांश शुक्ला और सान्हवी शुक्ला की टीम ने भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेली लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी, जिससे पूरा सभागार झूम उठा।

पहले दिन भोजपुरी और अवधी भाषा के विकास पर दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिसमें डॉ. सत्य प्रकाश पाल, डॉ. प्रदीप कुमार, प्रो. अजीत कुमार सिंह और डॉ. सत्य प्रकाश त्रिपाठी जैसे विद्वानों ने अपने विचार रखे।

संगोष्ठी का समापन शुक्रवार को होगा, जिसमें ब्रजभाषा और बुंदेलखंडी भाषा के विकास पर विशेष सत्र होंगे।

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