एचडीएफसी बैंक की ‘परिवर्तन’ पहल: 298 सीमावर्ती गांवों में समग्र ग्रामीण विकास की नई रोशनी
एचडीएफसी बैंक ने 11 राज्यों में 298 सीमावर्ती गांवों में समग्र विकास कर पाँच लाख लोगों के जीवन को छुआ।

लखनऊ। भारत के सीमावर्ती इलाकों में बसे ग्रामीण समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एचडीएफसी बैंक ने एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। बैंक की कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) शाखा 'परिवर्तन' के तहत देश के 11 राज्यों के 298 सीमावर्ती गांवों को ग्रामीण विकास कार्यक्रम के दायरे में लाया गया है। यह पहल केंद्र सरकार के बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (BADP) और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP) के राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के अनुरूप संचालित की जा रही है।
इन गांवों की भौगोलिक स्थिति, कठिन भू-परिस्थितियाँ और आवश्यक सेवाओं तक सीमित पहुंच के कारण यह क्षेत्र लंबे समय से सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़े रहे हैं। ऐसे में एचडीएफसी बैंक की यह पहल इन दुर्गम इलाकों में विकास की नई आशा लेकर आई है।
किस राज्य के कौन-कौन से गांव शामिल?
परियोजना के तहत जिन राज्यों के सीमावर्ती गांवों को कवर किया गया है, उनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं। लोअर दिबांग घाटी, बक्सा, किशनगंज, बाड़मेर, ग्यालशिंग और चमोली जैसे इलाकों में परिवर्तन की छाप देखी जा सकती है।
कार्यक्रम की विशेषताएँ
परिवर्तन के अंतर्गत दो प्रमुख मॉडल पर काम किया जा रहा है:
1. हॉलिस्टिक रूरल एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (HRDP):
यह कार्यक्रम 15-20 गांवों के समूह को लक्ष्य बनाकर 3-4 वर्षों की अवधि में बहुआयामी विकास सुनिश्चित करता है। इसमें ग्रामीण बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, जल संरक्षण और वित्तीय साक्षरता जैसे पहलुओं को जोड़ा गया है।
2. फोकस्ड डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP):
यह मॉडल किसी विशेष क्षेत्र में केंद्रित हस्तक्षेप कर प्रभावी परिणाम लाने पर केंद्रित है। उदाहरण के लिए – केवल शिक्षा या स्वच्छता पर विशेष कार्य।
लगभग 5 लाख लोगों को मिला लाभ
एचडीएफसी बैंक के अनुसार, परिवर्तन पहल के माध्यम से अब तक लगभग पाँच लाख लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। स्वच्छ पानी की सुविधा, सौर ऊर्जा आधारित स्ट्रीट लाइटें, महिला स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण, बच्चों के लिए स्मार्ट शिक्षा उपकरण और किसानों के लिए आधुनिक कृषि तकनीक इस बदलाव के कुछ प्रमुख आयाम हैं।
नेतृत्व की प्रतिक्रियाएं
एचडीएफसी बैंक के डिप्टी एमडी कैजाद भरूचा ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि इन सीमावर्ती गांवों को आत्मनिर्भर बनाना है। टेक्नोलॉजी, शिक्षा और आजीविका के जरिए यह संभव है।”
सीएसआर प्रमुख नुसरत पठान ने जोड़ा, “हमारा मॉडल इस बात पर केंद्रित है कि हर क्षेत्र में किया गया कार्य एक-दूसरे के पूरक रूप में काम करे और सामूहिक प्रभाव पैदा हो।”
एचडीएफसी बैंक की योजना अगले कुछ वर्षों में 150 और सीमावर्ती गांवों को इस कार्यक्रम से जोड़ने की है। साथ ही, सरकार और गैर-सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी को और मजबूत करते हुए, यह कार्यक्रम नए क्षेत्रों में भी विस्तार कर रहा है।
What's Your Reaction?






