hapur - बेखौफ शायर ने की आकाश आनन्द के बयान की निंदा
चन्द्र शेखर रावण पर बसपा के युवा नेता व बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जिन्हें सब कुछ समाज से दूर रहकर विरासत में मिली सत्ता के मद में चूर होकर ये कहना कि... कौन चन्द्र शेखर? कैसी भीम आर्मी हम किसी को नहीं जानतें

चेतन कुमार
हापुड़ - हापुड़ निवासी बेखौफ शायर डा. नरेश सागर भीम आर्मी के चीफ़ व युवा दिलों की धड़कन बने चन्द्र शेखर रावण पर बसपा के युवा नेता व बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जिन्हें सब कुछ समाज से दूर रहकर विरासत में मिली सत्ता के मद में चूर होकर ये कहना कि... कौन चन्द्र शेखर? कैसी भीम आर्मी हम किसी को नहीं जानतें ! इस बयान को लेकर अपनी अन्तर्राष्ट्रीय पहचान बनाने वाले बेखौफ शायर डा. नरेश सागर ने विरोध करते हुए कहा कि ऐसे नाजुक दौर में जब बहुजन समाज और भारतीय संविधान के साथ साथ बहुजन राजनीति भी खतरे में है उस वक्त आनंद द्वारा ऐसी टिप्पणी ना तो शौभनिय है और ना ही उनके कद के हिसाब से ये वाक्य सही है
आनंद हमेशा समाज से दूर रहे जबकि चन्द्र शेखर रावण ने अपनी छवि समाज के बीच अपनी जान हथेली पर रखकर बनाई है,हम किसी की आलोचना तो कर सकते हैं मगर उसकी पहचान और कार्यो को नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं,जब सभी को एक साथ आने की जरूरत है उस वक्त हम बिखराव की बात कर रहे हैं जिसकी मैं निंदा करता हूँ!
जनकवि/बेखौफ शायर ने चिंता जताते हुए ये भी कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो हमें अपनी बर्बादी देखने की आदत डाल लेनी चाहिए क्यूंकि बसपा और भीम आर्मी से जुड़े युवा जब आमने- सामने होगें तो नुकसान भी समाज का ही होगा, ऐसा होना हर हालत में गम्भीर और खतरनाक परिणाम सामने लेकर आएगा, यदि बसपा और भीम आर्मी बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर और मा. कांशीराम जी के पद चिन्हों को वास्तव में आगे बढ़ाना चाहते और बहुजन समाज का भला चाहते हैं और भारतीय संविधान को बचाना चाहते हैं तो दोनों एक क्यों नहीं हो जाते यदि ये दोनों पक्ष एक नही हुए तो ये दोनों ही पक्ष बहुजन समाज के उत्पीड़न, उपेक्षा के साथ बहुजन राजनीति और संविधान की समाप्ति का कारण बनेगें जिसे समाज और इतिहास कभी भी माफ़ नहीं करेगा, यदि सच में बाबा साहेब डा. अम्बेडकर और मा. कांशीराम जी के सपनों को पूरा करना चाहते हो तो सारी नफरतों को भूलाकर एक होना ही होगा!
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