पुलिस प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था से पंचमुखी hanuman mandir पनकी में लाखों दर्शनार्थियों ने किए दर्शन

कानपुर। पंचमुखी हनुमान मंदिर पनकी में आज बुढ़वा मंगल महोत्सव में भक्तों का ताता लगा रहा। मंदिर में आए भक्तों में बाबा के दर्शन का उत्साह बना रहा। पुलिस प्रशासन के सहयोग से कतारवद्ध होकर दर्शनार्थियों ने दर्शन किए रात 12:00 बजे मंगला आरती के बाद मंदिर के पट रात 1:00 बजे दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। पंक्तियों में खड़े दर्शनार्थियों ने जयकारे लगाते हुए बाबा के दर्शन को आगे बढ़ते रहे में चलते रहे पंक्तियों में खड़े दर्शनार्थियों के लिए मंदिर प्रशासन द्वारा लाइन में जगह-जगह पानी की व्यवस्था भी कराई गई थी।
पनकी महंत महामंडलेश्वर कृष्ण दास व जितेंद्र दास के अनुसार मेले में आये दर्शनार्थियों को मंदिर प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा कतारवृद्ध होकर दर्शन करवाए मेले में झूलों के लगे होने से बच्चों में उत्साह बना हुआ था। प्रभारी निरीक्षक पनकी रविंद्र कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि मेले के अंदर कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई देश के अन्य प्रांतों से आने वाले दर्शनार्थियों के लिए भारतीय रेल के स्टेशन पनकी धाम पर ठहराव होने के कारण सुपर फास्ट ट्रेन ओवर पैसेंजर ट्रेनों के माध्यम से काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था को लेकर हनुमान भक्तों ने पंचमुखी हनुमान मंदिर के दर्शन कर हाथ में विश्वास को बढ़ाया गया और उनसे आशीर्वाद लेकर अपने परिवार व जीवन की कुशल बनाए रखने के लिए याचना की गई मेला प्रभारी द्वारा पुलिस बल की ड्यूटी एवं उपस्थिति पूर्णतया मौजूदगी में रहकर मेले में किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हो सकी और मेले में आने जाने वाले लोगों के लिए सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने कड़ी मेहनत के कारण मेले का लुफ्त उठाया गया।
पुलिस की ड्यूटी गर्भ ग्रह को अपने कब्जे में लेकर दर्शनार्थियों को लगातार आगे बढ़ते रहना रहने का आदेश के कारण अधिक भीड़ न हो सकी और लोगों ने आसानी से दर्शन प्राप्त किए वहीं क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इस बार लाइन में लोगों की उपस्थिति न के बराबर ही रही कारण रहा कि उन्हें दर्शन करने के दौरान खड़े होकर समय लगाने नहीं दिया गया जिससे लोगों को भीड़ से मुक्ति मिल सके रात 1:00 बजे के उपरांत भीड़ का नजारा देखने को था परंतु सुबह होते होते लाइन वेरीकटिंग के पास तक महिला व पुरुष लाइन पूर्णतया खाली बनी रही ज्यादातर देखने को यह मिला कि इस बार पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं ने अधिक संख्या में बाबा के दर्शन का उन्हें आसानी से प्रसाद चढ़ाकर आशीर्वाद प्राप्त किया गया।
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