गोरखाओं को इंसाफ नहीं, मिला सिर्फ आश्वासन
नई दिल्ली। गोरखा भारतीय (११) जनजाति महासंघ द्वारा दिल्ली जन्तर मन्तर में धरना प्रदर्षन आयोजित किया गया जिसमें आसम हेमाचल देहरादून लखनऊ दिल्ली एन सी आर का गोरखा एकत्रित होकर भारत सरकार जोड़ तोड़ से अपने मांग पूरी करने को कहा गोरखा औ ने बि जे पी को 2009, 2014, 2019 ओर इस बार भी 2024 में जिता कर सांसद भेजा मगर हर बार आसवोशन बाहेक कुछ भी नहीं मिली। गोरखा ओ को इन्साफ अभी तक नहीं मिली। बि जे पी चिनाव में मेनुफेटू मैं भी डाल गोरखा औ को परमानेंट सलुशन करेंगे यहां तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था गोरखा औ का सपना मेरा सपना बोला था जब दार्जिलिंग जिले सिलुगड़ी मैं 2019 के सभा में बोला था। वे सपना सच मैं सपना रहे गया बहुत हेरानी होती है एक देश का प्रधानमंत्री झूठ बोल रही है तो आम जनता और नेता क्या करेगा ये बात सोचने का बात है आज भारत में रहने वाले गोरखा औ ने आजादी से लेकर आज भी भारत माता कि रक्षा करते आ रा है जो लोग देश को गले लगा कर अपने बतन को अपने जान की बाजी मैं कभी भी पिछे नहीं रहता गोरखा जनजाति का मांग काफी पुरानी है जब अंग्रेज भारत में थे वे लोग ने गोरखा औ को दार्जिलिंग जिले में हिल टृईप का दर्जा दिया गया था १९५४ तक था । जब दार्जिलिंग जिले पश्चिम बंगाल में रखा गया तब से दार्जिलिंग जिले का हिल टृईप हता दि गई । ओर गोरखा को जो भी मिल कांग्रेस ने किया जब श्रि सुबास धिसिङ ने १९८६ मैं आन्दोलन भईकर बिरात रुप चला ईस आन्दोलन में २००० गोरखा शहिद हुवा जब जाकर १९८८ मैं दार्जिलिंग गोरखा हिल काउंसिल मिला ओर २००७ मैं श्री बिमल गुरुंग ने पिसफूल आन्दोलन गोरखालैंड का आन्दोलन किया तब गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन दिया गया। ये सब कांग्रेस का देन है मगर बि जे पी को चुनाव जिताकर भी कुछ भी नहीं दिया। अब गोरखा जग गया अब फिर से आन्दोलन में आने को मजबूरी बना दिया। अगर २०२४ के अन्दर सरकार कुछ नहीं करते तो हम लोग सड़क पे आयेंगे अब ११ जनजाति महासंघ ने ठान ली है। हम लोग को न्याय चाहिए देश में तानाशाही ज्यादा हो गया है। हम लोग को ऐसा लगता है भारत आजाद हुआ पर गोरखा नहीं हुआ आज भी दार्जिलिंग मैं बितिश ने जो जो चिज़ बनाया चाहें रोड़, ईसकुल कॉलेज अस्पताल सारा ब्रिटिश ने दिया हुआ है आजादी के बाद में ऐसे एक भी नहीं बनाया गया क्यों हमारी साथ अन्य होरा है सरकार हमारी हक अधिकार दो हम अब चुप नहीं रहेगै
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