कांग्रेस के विरोध के बाद गंगाजल पर 18 प्रतिशत #GST हटाया गया
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नई दिल्ली - कांग्रेस प्रवक्ता और मीडिया विभाग में सोशल मीडिया की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस ने मोदी सरकार को गंगाजल पर जीएसटी हटाने को मजबूर किया है। कांग्रेस के विरोध के बाद ही गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी हटाया गया है।
नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जिनको माँ गंगा ने बुलाया था, उन्होंने तो माँ गंगा को ही नहीं बख्शा। लेकिन एक बार फिर कांग्रेस की वजह से मोदी सरकार को बैकफुट पर आकर अपने निर्णय को वापस लेना पड़ा और अपनी गलती का सुधार करना पड़ा। मोदी सरकार ने धर्म की इतनी अनिवार्य चीज़ पर भी टैक्स वसूलना शुरू कर दिया था, लेकिन कांग्रेस ने इस मुद्दे का पुरज़ोर विरोध किया।
श्रीनेत ने याद दिलाया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने श्रद्धालुओं के साथ हो रहे इस खिलवाड़ का विरोध कर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था, मगर अपने चिर-परिचित अंदाज में भाजपा प्रवक्ताओं और फेक न्यूज़ सरगनाओं ने इस पर जमकर झूठ बोला और कहा कि गंगाजल तो पूजा की सामग्री है, इस पर तो कभी जीएसटी था ही नहीं, जो कि एक कोरा झूठ था।
सरकारी दस्तावेजों का हवाला देते हुए श्रीनेत ने कहा कि डाक विभाग गंगोत्री के गंगाजल की 250 मिली लीटर की बोतल उपलब्ध करा रहा है जिसकी कीमत 30 रुपये है, 18 प्रतिशत जीएसटी लगने के बाद इसकी कीमत 35 रुपये हो गई थी। डाक विभाग के अधिकारियों के अनुसार, परिमंडल देहरादून से आदेश जारी होने के बाद गंगाजल बढ़े हुए दामों के साथ उपलब्ध कराया जा रहा था।
श्रीनेत ने कहा कि 8 अगस्त, 2023 और 3 अक्टूबर, 2023 को सरकार ने आदेश जारी करके गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया था। 12 अक्टूबर को जारी जीएसटी अथॉरिटी के नवीनतम आदेश में अब कहा गया है कि 8 अगस्त और 3 अक्टूबर का आदेश निरस्त किया जाता है और गंगाजल पर जीएसटी नहीं होगा। कांग्रेस ने मोदी सरकार को घुटने टेककर फैसला बदलने के लिए मजबूर किया। लेकिन सीबीआइसी की जीएसटी से छूट लिस्ट की पूजा सामग्री में गंगाजल अभी भी नहीं है।
श्रीनेत ने कहा कि हिंदू धर्म में गर्भधारण से मृत्यु तक 16 कर्मकांड होते हैं, जिन सभी में गंगाजल अनिवार्य है। इस बार बिना जीएसटी के गंगाजल के जब श्रद्धालु पूजा करेंगे तो आशीष कांग्रेस को मिलेगा।
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