फालुन दाफा साधना अभ्यास की 32वीं सालगिरह मनाई गई

मई 15, 2024 - 12:45
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फालुन दाफा साधना अभ्यास की 32वीं सालगिरह मनाई गई
फालुन दाफा साधना अभ्यास की 32वीं सालगिरह मनाई गई

लखनऊ। 13 मई का दिन पूरे विश्व में फालुन दाफा अभ्यासियों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। फालुन दाफा, जिसे फालुन गोंग भी कहा जाता है, मन और शरीर का एक उच्च स्तरीय साधना अभ्यास है जिसकी शुरुआत गुरु ली होंगज़ी द्वारा 13 मई, 1992 को चीन में की गयी थी। इस वर्ष दुनियाभर में फालुन दाफा की 32वीं सालगिरह मनाई जा रही है। 

शिक्षाओं के अतिरिक्त, फालुन दाफा में पांच व्यायाम भी सिखाये जाते हैं जो गति में धीमे, सौम्य और ध्यान पर आधारित हैं। व्यायाम सीखने में सरल किन्तु प्रभावशाली हैं और पूरी तरह नि:शुल्क सिखाये जाते हैं। फालुन दाफा अभ्यास अक्सर बाहर पार्कों या सार्वजनिक स्थलों पर सिखाया जाता है।  

फालुन दाफा और इसके संस्थापक, श्री ली होंगज़ी को, दुनियाभर में 1,500 से अधिक पुरस्कारों और प्रशस्तिपत्रों से नवाज़ा गया है। श्री ली होंगज़ी को नोबेल शांति पुरस्कार व स्वतंत्र विचारों के लिए सखारोव पुरस्कार के लिए भी मनोनीत किया जा चुका है। 

फालुन दाफा भारत में फालुन दाफा को भारत में सन 2000 से सिखाना आरम्भ किया गया। तब से, देश भर के अनेकों  स्कूल और कॉलेजों में इस ध्यान अभ्यास को सिखाया गया है। कई बड़े संगठनों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों लिए फालुन दाफा की कार्यशालाएं आयोजित की हैं। 

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