क्वाड में सहयोग से ही हिंद-प्रशांत में सुनिश्चित हो सकती है स्थिरता : एस जयशंकर

जुलाई 30, 2024 - 08:34
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क्वाड में सहयोग से ही हिंद-प्रशांत में सुनिश्चित हो सकती है स्थिरता : एस जयशंकर
क्वाड में सहयोग से ही हिंद-प्रशांत में सुनिश्चित हो सकती है स्थिरता : एस जयशंकर

टोक्यो। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को जापान की राजधानी टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि केवल ‘क्वाड’ देशों के बीच सहयोग ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र मुक्त, खुला, स्थिर और सुरक्षित बना रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह समूह लंबे समय तक टिका रहेगा और मजबूत होता रहेगा।

जयशंकर ने अपने प्रारंभिक वक्तव्य में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए देशों के बीच विश्वसनीय साझेदारी की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि विश्व की भलाई के लिए क्वाड की प्रतिबद्धता इसके क्षेत्र से परे तक फैली हुई है।

उन्होंने कहा हमारी राजनीतिक समझ मजबूत हो, हमारी आर्थिक साझेदारी बढ़े, हमारे प्रौद्योगिकी सहयोग का विस्तार हो और हमारे लोगों के बीच सहजता बढ़े। हमारी बैठक से एक स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि क्वाड यहां रहने के लिए है, यहां करने के लिए है और यहां बढ़ने के लिए है। इससे पहले विदेश मंत्री ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा टोक्यो में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग से मुलाकात के साथ दिन की शानदार शुरुआत हुई। सुरक्षा, व्यापार और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए आगे के कदमों पर बात की। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने पर भी चर्चा की।

उन्होंने कहा कि एक चुनौतीपूर्ण दुनिया में क्वाड भरोसेमंद भागीदारों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का एक समकालीन उदाहरण है। इस दौरान जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन और जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।

इससे पहले रविवार को जापान पहुंचे जयशंकर ने एडोगावा, टोक्यो में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। बता दें कि भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने नवंबर 2017 में ‘क्वाड’ की स्थापना की थी, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित की जा सके।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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