कंबोडिया में साइबर घोटालों में फंसे 1167 भारतीयों को भारतीय दूतावास ने बचाया
शाश्वत तिवारी नई दिल्ली। कंबोडिया में भारतीय दूतावास ने पिछले तीन वर्षों में साइबर घोटालों में फंसे 1167 भारतीय नागरिकों को बचाया है। यह जानकारी विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने राज्यसभा में दी, जहां उन्होंने साइबर अपराध और फर्जी नौकरी रैकेट के बढ़ते मामलों पर सीपीआई सांसद पी. संदोष कुमार के सवाल का जवाब दिया।
विदेश मंत्री ने बताया कि भारत सरकार को यह जानकारी मिली है कि कंबोडिया और अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में साइबर घोटाले के लिए भारतीय नागरिकों को फर्जी नौकरी के वादे पर फंसा लिया जाता है। इन संदिग्ध फर्मों ने सोशल मीडिया के माध्यम से भारतीयों को ललचाया और बाद में उन्हें साइबर अपराध करने और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया।
कंबोडिया स्थित भारतीय दूतावास ने इस स्थिति से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम किया और 1167 भारतीयों को बचाने में सफलता प्राप्त की। इन नागरिकों की मदद के लिए दूतावास ने स्थानीय पुलिस से समन्वय किया, उन्हें भारत लौटने के लिए यात्रा दस्तावेज जारी किए और उनके परिवार से संपर्क करने में सहायता की।
विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने धोखाधड़ी करने वाली एजेंसियों और एजेंटों के खिलाफ आवश्यक जानकारी गृह मंत्रालय और राज्य सरकारों को भेजी है। इसके अलावा, साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी) और गृह मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से इस तरह के घोटालों से बचने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 44, 2023 में 207 और 2024 में अब तक 916 भारतीयों को बचाया गया है।
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