भगवान की शरण में जो आता है वो माया की नदी को पार कर ले जाता है
लखनऊ। श्री कल्याणगिरि मंदिर ठाकुरगंज में 23 अगस्त से चल रही भाद्रपद मास में आयोजित श्री मद भागवत कथा तृतीय दिवस में कथा व्यास श्री स्वामी अमर चैतन्य जी महाराज ने व्याख्यान किया शत्रु के प्रहार से अपने को बचाना हमारा कर्म है माया अपना कर्म करती है पर जीव उसमें न फसे ये जीव का कर्म है।संसार से माया अलग नहीं की जा सकती माया की नदी बह रही है तो उसे पार करने के लिए उसके सूखने का इंतज़ार नहीं करना है भगवान की शरण में जो आता है वो माया की नदी को पार कर ले जाता है।अनुराग पांडेय ने बताया दिनांक 30 अगस्त को सुबह हवन पूजन में पूरे क्षेत्र के सनातन धर्मावलंबी सम्मिलित होंगे अपरांह में साधू संतों तथा गृहस्थ जनों का भंडारा होगा
उसके पश्चात भंडारा।
आर एल पाण्डेय
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